रांची : झारखंड के दो प्रमुख शहर राजधानी रांची और धनबाद रहने लायक है या नहीं, इसका मूल्यांकन केंद्र सरकार करायेगी. इसके लिए प्रोजेक्ट भवन में नगर विकास व आवास विभाग की ओर से शुक्रवार को लिवेबिलिटी इंडेक्स असेसमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के माध्यम से झारखंड के दोनों शहर कितने रहने लायक है इसके मूल्यांकन में मदद मिलेगी.
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने देश के 116 शहरों का लिवेबिलिटी इंडेक्स तैयार करने की शुरुआत की है, जिसके तहत 79 मानदंडों के आधार पर 560 सवालों के जवाब से शहर का सूचकांक तय होगा. इसके लिए ऑनलाइन डाटा एंट्री करने की अंतिम तिथि 16 अप्रैल निर्धारित की गयी है.
मूल्यांकन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय की जरूरत
इस मौके पर विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इस मूल्यांकन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि हर विभाग अपनी ओर से एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करें, जो इसके विषय में पूछे गए सवालों का जवाब दे सकें.
उन्होंने कहा कि ऐसा मूल्यांकन यूरोपियन देशों में पहले से होता रहा है. कार्यशाला में राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक राजेश शर्मा, रांची नगर निगम के आयुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि सहित रांची और धनबाद नगर निगम के कई अधिकारी मौजूद थे. इसके साथ ही रांची पुलिस, रांची ट्रैफिक पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण विभाग के अधिकारी भी कार्यशाला में शामिल हुए.