राजभवन के सामने भामस ने दिया धरना, कहा
रांची : भारतीय मजदूर संघ ने बुधवार को केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए राजभवन के समक्ष धरना दिया. पूर्वांचल के प्रभारी सुरेश सिन्हा ने कहा कि वर्तमान सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण श्रमिकों पर संकट है. सरकार सचेत नहीं होगी तो आगे और परेशानी बढ़ेगी.
संघ के पूर्वी क्षेत्र के प्रभारी गणेश मिश्र ने कहा कि झारखंड सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसके बावजूद सरकार मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजना लाने में देरी कर रही है. सरकार को अविलंब मजदूरों के लिए नीति लानी चाहिए. प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण मजदूरों को सड़क पर उतरना पड़ा है. यह सरकार के लिए ठीक नहीं है. संघ आगे चुप नहीं बैठा वाला है. बजट में सिर्फ सांसदों, विधायकों को सुविधा मिल रही है. असंगठित क्षेत्र की आंगनबाड़ी सहायिका, सेविका, सहिया, मिड डे मिल में लगी महिलाओं के बारे में नहीं सोच रही है.
वक्ताओं ने कहा कि विकास कार्य में लगे कर्मचारी वर्ग में नाराजगी है. सरकार की छवि मजदूर विरोधी हो गयी है. विभागीय कामों में अफसर हावी हो गये हैं. सरकार की योजनाएं धरातल पर नहीं दिख रही है. काम करने वालों को सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल रहा है. सरकार और मजदूरों के बीच में बिचौलिये आ गये हैं.
सरकार को 22 सूत्री मांग सौंपा : संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम 22 सूत्री मांग पत्र सौंपा. इसमें राज्य स्तर पर सभी प्रकार के त्रिपक्षीय श्रम समितियों के गठन की मांग की गयी. इसमें सभी ट्रेड यूनियनों के सदस्यों को शामिल करने का आग्रह किया गया.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को सरकारी कर्मी घोषित करने, सरकारी कर्मचारी घोषित होने तक आंगनबाड़ी सेविका को 18 हजार रुपये प्रति माह तथा सहायिका को नौ हजार रुपये देने, यांत्रिक अंचल में काम कर रहे दैनिक कर्मियों को मजदूरी देने, मिड डे मिल रसोइया को नियमित भुगतान करने, उनको इपीएफ तथा इएसआइ स्कीम से जोड़ने की मांग की गयी.