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रांची : 30 घंटे चला हड़ताल, मिला सुरक्षा का भरोसा काम पर लौटे रिम्स के डॉक्टर

रांची : रिम्स के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल करीब 30 घंटे तक चली. इस दौरान राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. क्योंकि, यहां लगभग हर स्तर पर मरीजों इलाज के लिए जूनियर डॉक्टरों की मदद ली जाती है. हड़ताल के बीच सुबह नौ बजे से रिम्स के विभिन्न […]

रांची : रिम्स के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल करीब 30 घंटे तक चली. इस दौरान राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. क्योंकि, यहां लगभग हर स्तर पर मरीजों इलाज के लिए जूनियर डॉक्टरों की मदद ली जाती है. हड़ताल के बीच सुबह नौ बजे से रिम्स के विभिन्न विभागों के ओपीडी शुरू हो गये थे.
सीनियर डॉक्टर भी ओपीडी में बैठ गये गये थे, लेकिन 10 बजे जेडीए के सदस्य ओपीडी पहुंचे. उन्होंने सीनियर डॉक्टरों से हड़ताल के समर्थन का आग्रह किया. इस पर सीनियर डॉक्टर ओपीडी से बाहर निकल आये. जूनियर डाॅक्टरों ने ओपीडी काे बंद कर दिया. कई ओपीडी में ताला भी लगवा दिया. ओपीडी को बंद कराने के बाद जूनियर डॉक्टर पंजीयन काउंटर पहुंच गये और काउंटर को बंद करवा दिया.
प्रभारी निदेशक ने लिया इमरजेंसी और वार्डों का जायजा
हड़ताल के मद्देनजर सुबह नौ बजे ही रिम्स के प्रभारी निदेशक डाॅ आरके श्रीवास्तव ने इमरजेंसी और वार्डों का भ्रमण किया. उन्होंने इमरजेंसी में सेवा दे रहे सीनियर डॉक्टरों और सेवा दे रही नर्सों से मरीजों की स्थिति के बारे में पूछा.
इसके बाद वे मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा की यूनिट में गये. वहां सीनियर व जूनियर डॉक्टर वार्ड में भर्ती मरीजों को परामर्श दे रहे थे. इसके बाद मेडिसिन के हर वार्ड का जायजा लिया. इसके बाद मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के आने की सूूचना मिली तो निदेशक और जेडीए के सदस्य निदेशक सभागार में एकत्र हो गये.
जेडीए और मुख्य सचिव के बीच हुई वर्ता
मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी बुधवार सुबह 11 बजे रिम्स पहुंचे और जूनियर डॉक्टरों से वार्ता की. ढाई घंटे चली इस वार्ता में मुख्य सचिव के अलावा सिटी एसपी, रिम्स निदेशक, जेडीए का प्रतिनिधिमंडल शामिल था.
जेडीए ने वार्ता में कहा कि रिम्स की वर्तमान सुरक्षा एजेंसी फेल है. हमारी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त किया गया है, लेकिन हमें ही उनकी सुरक्षा करनी पड़ती है.
इस पर मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जायेगी. पत्रकारों को उन्होंने बताया कि रिम्स की बेहतर चिकित्सा सेवा में जूनियर डॉक्टर रीढ़ की हड्डी हैं. हमने निर्णय लिया है कि सेफ्टी का ऑडिट कराया जायेगा.
वैसे स्थानों को चिह्नित किया जायेगा, जहां ऐसी घटनाएं घटती हैं. वहां पर सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जायेगी. जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि यहां स्थायी पुलिस पिकेट की है. अगर वह आवश्यक है, तो उसे बहाल किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि मारपीट के दोषी को से लिखित माफीनामा लिया जायेगा. वार्ता के बाद जेडीए के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार ने मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को पुष्प गुच्छ सौंपा.
रूटीन ऑपरेशन टले, अब होली बाद होगी सर्जरी
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण बुधवार को भी रूटीन ऑपरेशन टाल दिये गये. मरीजों के परिजन ने ऑपरेशन के लिए उन्हें तैयार कर रखा था, लेकिन हड़ताल समाप्त नहीं होने की सूचना पर मरीजों ने खाना खा लिया. सीनियर डाॅक्टरों ने कहा कि अब जो ऑपरेशन टले हैं, वे होली के बाद होंगे.

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