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झारखंड : रिम्स के 4.5 लाख रुपये डकार गये कैश काउंटर के कर्मचारी, ऐसे आंकी गयी गबन की राशि

रांची : रिम्स के कैश काउंटर में घपला करनेवालों ने अस्पताल प्रबंधन को दोहरा आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. एक ओर अस्पताल के संसाधनों से मरीज की जांच हो जाती थी, वहीं दूसरी ओर घपलेबाज डुप्लिकेट पर्ची बनाकर उसी जांच का पैसा कैश करा लेते थे. जांच समिति ने पाया कि पूरे घटनाक्रम को बड़े ही […]

रांची : रिम्स के कैश काउंटर में घपला करनेवालों ने अस्पताल प्रबंधन को दोहरा आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. एक ओर अस्पताल के संसाधनों से मरीज की जांच हो जाती थी, वहीं दूसरी ओर घपलेबाज डुप्लिकेट पर्ची बनाकर उसी जांच का पैसा कैश करा लेते थे. जांच समिति ने पाया कि पूरे घटनाक्रम को बड़े ही सधे हुए तरीके से अंजाम दिया गया है. कैश काउंटर के कर्मचारियों ने केवल महंगी जांचों की डुप्लिकेट पर्चियां ही जारी की हैं. इसमें एमआरआइ, सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी आदि शामिल हैं.
प्रारंभिक जांच में घपले की जो राशि (4.50 लाख रुपये) पता चली है, वह केवल एक विभाग रेडियोलॉजी की है. कार्डियोलॉजी सहित अन्य विभागों के डुप्लीकेट पर्ची का मिलान अभी बाकी है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों तक रिम्स की ओर से ही मरीजों को एंजियोग्राफी का सामान उपलब्ध कराया जाता था. इसके लिए मरीज को 3000 रुपये देने होते थे. जांच समिति को अंदेशा है कि घपलेबाजों ने एंजियोग्राफी की भी डुप्लिकेट पर्ची जारी कर पैसे निकाले हैं. इसके अलावा खून की महंगी जांचों की भी डुप्लिकेट पर्चियां बनाकर रिम्स को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है. अगर इन डुप्लिकेट पर्चियों की राशि भी जोड़ दी जाये, तो घपले की राशि कई गुना होने की आशंका है.
मंगलवार जांच समिति की हुई बैठक
कैश काउंटर पर हुए घपले को लेकर मंगलवार को डिप्टी डायरेक्टर गिरजाशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ एस टोप्पो, उपाधीक्षक डॉ गोपाल श्रीवास्तव व एकाउंट आॅफिसर जारिका शामिल थीं. जांच में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई. इस दौरान रेडियोलॉजी विभाग से मिली पर्ची और वापस ली गयी पर्चियों से मिलान भी किया गया.
गबन की राशि ऐसे आंकी गयी
रिम्स में किसी भी तरह की जांच के लिए एक मरीज को पर्ची की दो कॉपी दी जाती है. एक मरीज जांच केंद्र में जमा कराता है, जबकि दूसरा अपने पास रखता है. रिम्स प्रबंधन द्वारा गठित समिति को जांच के दौरान एक ही मरीज के नाम की तीन-तीन पर्चियां मिल रही हैं. एक पर्ची वह, जो मरीज ने जांच केंद्र में जमा कराया था और दो पर्चियां जो घपलेबाजों ने कैश काउंटर पर जमा करा कर पैसे निकाले थे.
प्रभात खबर ने छापी थी खबर
रिम्स के कैश काउंटर के कर्मचारियों द्वारा पैसा का गबन करने से संबंधित खबर 31 दिसंबर 2017 काे प्रमुखता से प्रकाशित थी. खबर के माध्यम से बताया गया था कि कैसे कुछ कर्मचारी और बाहर के लोग मिल कर जांच की डुप्लिकेट पर्ची जारी कर रहे हैं और इसी पर्ची के माध्यम से कैश काउंटर से निकाल रहे हैं. हालांकि, इसके बाद रिम्स प्रबंधन सर्तक हुआ और जांच प्रारंभ कर दी.
एंबुलेंस रूम बंद रहने से परेशान रहे परिजन : रिम्स में मंगलवार को दोपहर ढाई बजे एंबुलेंस रूम बंद हो गया था, जिसके कारण मरीज व उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए कार्यालय में आये, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला.
कसता जा रहा शिकंजा
अस्पताल प्रबंधन द्वारा गठित समिति कर रही है इस घपले की जांच, दी है मौखिक रिपोर्ट
महंगी जांच की ही डुप्लिकेट पर्ची जारी करते थे घपलेबाज रिम्स को पड़ी है दोहरी मार
अभी जारी है मामले की जांच समिति ने जतायी है आशंका बढ़ सकती है गबन की राशि

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