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झारखंड : सिंदरी कारखाना की 210 करोड़ की स्टांप ड्यूटी माफ करे सरकार
रांची : सिंदरी खाद कारखाना को शुरू करने के लिए 210 करोड़ रुपये के स्टांप ड्यूटी को माफ करने की मांग झारखंड सरकार से की गयी है. पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय द्वारा यह मांग 15 फरवरी को मुख्य सचिव, उद्योग विभाग व पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ हुई बैठक में रखी गयी थी. मालूम हो […]
रांची : सिंदरी खाद कारखाना को शुरू करने के लिए 210 करोड़ रुपये के स्टांप ड्यूटी को माफ करने की मांग झारखंड सरकार से की गयी है. पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय द्वारा यह मांग 15 फरवरी को मुख्य सचिव, उद्योग विभाग व पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ हुई बैठक में रखी गयी थी. मालूम हो कि सिंदरी खाद कारखाना को फिर से शुरू करने में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय एवं हिंदुस्तान उर्वरक लिमिटेड एक अहम भूमिका निभा रहा है. खाद परियोजना को फिर से शुरू करने के लिए मंत्रालय की तरफ से झारखंड सरकार से मदद की मांग की गयी है.
पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कहा गया कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय कारखाना फिर से शुरू करने के लिए 7050 करोड़ का निवेश करने जा रहा है.
निवेश करने से पहले मंत्रालय ने कहा है कि नये कारखाने के लिए जो जमीन मंत्रालय ग्रहण करेगा, उसकी स्टांप ड्यूटी माफ की जाये. ये स्टांप ड्यूटी करीब 210 करोड़ रुपये की है. इतने बड़े कारखाने और हजारों रोजगार के लिए सरकार को यह नुकसान सहना ही पड़ेगा. बताया गया कि उच्च स्तर पर इसकी सहमति बन गयी है. जल्द ही हाइपावर कमेटी के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जायेगा. इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव को लिया जायेगा.
सिंदरी की कुछ सड़कों को फिर से बनाने की मांग
मंत्रालय ने सरकार के अधिकारियों के सामने सिंदरी की कुछ सड़कों को फिर से बनाने को कहा है. उनका कहना है कि ये सभी सड़कें फैक्ट्री की एप्रोच सड़क के रूप में काम करती हैं. इनमें हिरक रोड जो बलियापुर-भिखराजपुर से होते हुए कांड्रा को जोड़ेगी, खालसा मोड़ से आरएमके-4 की सड़कों, हिरक से रोड़ाबांध की सड़क व न्यू रोड-एसएल 2 से शहरपुरा हटिया तक की सड़क को बनाने की मांग भी की गयी है.
गौरतलब है कि सिंदरी खाद कारखाना गैस आधारित होगा जिससे करीब 12 लाख 70 हजार मीट्रिक टन खाद का उत्पादन किया जायेगा. इसके शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री से समय की मांग की गयी है.
हर घंटे चाहिए 1250 मीट्रिक पानी
सिंदरी खाद परियोजना से दामोदर नदी महज दो किमी दूरी पर है. मंत्रालय ने सरकार से कहा है कि नये सिरे से कारखाने को शुरू करने के लिए उन्हें हर घंटे 1250 मीट्रिक पानी चाहिए. इस मुद्दे पर अधिकारियों द्वारा कहा गया कि पश्चिम बंगाल के इसके लिए बात करनी होगी. पश्चिम बंगाल दामोदर नदी से काफी मात्रा में पानी सिंचाई और दूसरे कामों के लिए पानी ले लेता है.
साथ ही मंत्रालय ने सरकार से कहा है कि सिंदरी की ड्रेनेज व्यवस्था काफी खराब है. बरसात के दिनों में हाल और बदतर हो जाती है. खास कर एसके-4, रांगामाटी, जयहिंद मोड़ की बात की जाये तो ज्यादातर घरों का ड्रेनेज खुले नालियों में बहता है. मंत्रालय का सरकार से कहना है कि जितनी जल्दी हो सके, शहर की ड्रेनेज व्यवस्था ठीक की जाये. शहर के साथ फैक्ट्री से जो ड्रेनेज बाहर निकलता है, उसकी समुचित व्यवस्था की जाये.
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