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रांची: जब मेयर आशा लकड़ा को आया गुस्सा, कहा, मुझे पहले से पता था, ठेकेदार 420 है, फिर भी निगम के अधिकारी इतने मेहरबान हैं
रांची : जब मेयर आशा लकड़ा डिस्टिलरी पार्क का निरीक्षण करने पहुंची, तो उनके साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और अन्य लोग भी मौजूद थे. इन लोगों ने बताया कि 13 फरवरी की शाम करीब पांच मिनट के लिए जोरदार बारिश हुई थी. उसी दौरान पार्क के दोनों ओर बनी नालियों से पानी ओवरफ्लो हो कर पार्क […]
रांची : जब मेयर आशा लकड़ा डिस्टिलरी पार्क का निरीक्षण करने पहुंची, तो उनके साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और अन्य लोग भी मौजूद थे. इन लोगों ने बताया कि 13 फरवरी की शाम करीब पांच मिनट के लिए जोरदार बारिश हुई थी. उसी दौरान पार्क के दोनों ओर बनी नालियों से पानी ओवरफ्लो हो कर पार्क में भर गया. आज दो दिन बाद भी पार्क में बारिश का पानी जमा है.
न तो यह पानी सूख रहा है और न ही ठेकेदार की ओर से इसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि इस पार्क के रखरखाव का जिम्मा उसी ठेकेदार का है, जिसने इसका निर्माण किया है. हल्की सी बारिश में पार्क का यह हाल है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि बारिश के मौसम में इस पार्क का क्या हाल होगा.
इस पर मेयर ने नगर निगम के अभियंताओं को भी खरीखोटी सुनायी. कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि आप लोग इस पार्क के निर्माण कार्य की मॉनीटरिंग करते भी थे या नहीं. उन्होंने अभियंताओं को ठेकेदार की बकाया राशि रोकने और निर्माण कार्य की जांच करने का आदेश दिया. मेयर ने स्पष्ट किया कि जांच में गड़बड़ी पायी जाती है, तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही इस कार्य की देखरेख करनेवाले अभियंता भी नपेंगे. निरीक्षण में मेयर के साथ अधीक्षण अभियंता विजय भगत, कार्यपालक अभियंता उमाशंकर राम और स्थानीय जनप्रतिनिधि राजेश महतो सहित काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.
दो दिन से पार्क में भरा हुआ है पानी
अब तक नहीं सूखा
राजधानी में 13 फरवरी की शाम कुछ देर के लिए हुई जोरदार बारिश के बाद डिस्टिलरी पार्क में पानी भर गया था. इसकी सूचना मिलने पर मेयर आशा लकड़ा नगर निगम के अभियंताओं के साथ गुरुवार को पार्क देखने पहुंचीं. पार्क की हालत देखकर मेयर भड़क उठीं. उन्होंने कहा : मुझे शुरू से ही पता था कि पार्क का निर्माण करनेवाला ठेकेदार 420 है, इसके बावजूद निगम के अधिकारी न जाने क्यों उसपर इतने मेहरबान थे? निरीक्षण के बाद मेयर ने ठेकेदार का बकाया भुगतान रोकने और निर्माण कार्यों की जांच आदेश दिया है.
13 फरवरी को हुई जोरदार बारिश के बाद डिस्टिलरी पार्क में भर गया दोनों तरफ की नालियों का पानी
निरीक्षण के बाद मेयर ने ठेकेदार का बकाया भुगतान रोकने और निर्माण की जांच का दिया है आदेश
एक नजर में डिस्टिलरी पार्क
नवंबर 2015 में हुआ था डिस्टिलरी पार्क का शिलान्यास
मेसर्स ग्रीन इंडिया को मिला था पार्क के निर्माण का ठेका
निगम की संपत्ति पर ऐश कर रहा ठेकेदार
मेयर ने पार्क का निर्माण करनेवाली कंपनी ग्रीन इंडिया के ठेकेदार की कार्यशैली पर सवाल उठाये. कहा कि इस ठेकेदार ने नगर निगम से पूरे शहर के डिवाइडर आदि स्थलों पर पौधे लगाने का काम प्राप्त किया है. नियमत: ठेकेदार को अपने टैंकर से ही इन पौधों की सिंचाई करनी चाहिए. लेकिन वह निगम के टैंकरों से पौधों की सिंचाई कर ऐश कर रहा है. यह देखने वाला कोई नहीं है.
पाथ-वे बनाने पर जतायी नाराजगी
मेयर ने नाली के ऊपर पाथ-वे बनाने पर भी नाराजगी जतायी. कहा कि अगर नाली जाम हुई, तो ऊपर बने स्लैब की वजह से उसे साफ करना मुश्किल हो जायेगा. मेयर ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बनाये जा रहे सोख्ते की भी जांच की. यह मात्र तीन फीट गहरा मिला. मेयर ने इस पर भी नाराजगी जतायी.
पार्क पर मेयर-डिप्टी मेयर में हो चुकी है तकरार
डिस्टिलरी तालाब में बना यह पार्क शुरू से ही विवादों में रहा है. कई बार डीपीआर में बदलाव किया गया है. ठेकेदार की कार्यशैली से मेयर आशा लकड़ा शुरू से ही नाराज रही हैं. वहीं, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय शुरू से ही ठेकेदार के सपोर्ट में रहे हैं. पार्क निर्माण कार्य का जायजा लेने के क्रम में पिछले साल ही एक बार मेयर व डिप्टी मेयर 18 बार आपस में ही उलझ गये थे.
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