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झारखंड : एजी की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, अफसरों व बैंकों ने लटका दी 1553 डेयरी ईकाइयां
II शकील अख्तर II रांची : गव्य निदेशालय के पास राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बांटी गयी गायों का सही ब्योरा नहीं है. निदेशालय ने महालेखाकार (एजी) को राज्य के छह जिलों ( रांची, देवघर, जामताड़ा, कोडरमा, पलामू, सरायकेला) में आरकेवीवाइ के तहत 6108 दुधारू पशु बांटे जाने की जानकारी दी है. जबकि ऑडिट […]
II शकील अख्तर II
रांची : गव्य निदेशालय के पास राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बांटी गयी गायों का सही ब्योरा नहीं है. निदेशालय ने महालेखाकार (एजी) को राज्य के छह जिलों ( रांची, देवघर, जामताड़ा, कोडरमा, पलामू, सरायकेला) में आरकेवीवाइ के तहत 6108 दुधारू पशु बांटे जाने की जानकारी दी है.
जबकि ऑडिट में अक्तूबर 2017 तक इन जिलों में सिर्फ 4919 दुधारू पशुओं के ही बांटे जाने की पुष्टि हुई है. एजी ने इस योजना के तहत पूरे राज्य में 1553 डेयरी इकाइयों के स्थापित नहीं हो पाने के लिए प्रशासनिक लापरवाही और बैंकों को जिम्मेवार माना है.
बैंकों ने कर्ज के साथ ही अनुदान की राशि पर मासिक किस्त तय कर दिया. एजी ने इस योजना के ऑडिट के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेजी है.
पांच तरह की डेयरी खुलनी थी: सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत डेयरी स्थापित कर रोजगार देने और दूध की कमी पूरा करने का फैसला किया था.
इसके तहत 20 से 50 प्रतिशत तक के अनुदान पर पांच तरह की डेयरी इकाइयों को स्थापित करने की योजना बनायी गयी. योजना के तहत राज्य में विभिन्न प्रकार की कुल 5208 डेयरी इकाइयों को खोलने का फैसला किया गया. इसमें दो गाय वाली 3536 डेयरी, पांच गायों वाली 1389, मध्यम स्तर की 150, व्यापारिक 113 और अत्याधुनिक 20 डेयरी इकाइयां शामिल हैं.
डेयरी योजना को दो चरण में पूरा करना था. लाभुकों को अनुदान की राशि के अलावा शेष राशि बैंकों से कर्ज के रूप में दी जानी है. बैंकों को सिर्फ कर्ज की रकम पर ही मासिक किस्त तय करना था. पर बैंकों ने कर्ज और अनुदान की पूरी राशि पर मासिक किस्त तय कर दिया. इससे पहले चरण में किस्त की रकम अधिक हो गयी और लाभुक इसे चुकाने में असफल हो गये. बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित करते हुए डेयरी के दूसरे चरण के लिए कर्ज नहीं दिया.
एजी की ऑिडट िरपोर्ट में खुलासा
बैंकों ने कर्ज के अलावा अनुदान की राशि पर भी तय कर दिया मासिक किस्त
2854 गायें नहीं बांटी जा सकी
किस्त नहीं चुका पाये लाभुक, बैंक ने दूसरे चरण के लिए लोन देना किया बंद
सरायकेला को छोड़ किसी अन्य जिलों ने नहीं निकाला समस्या का हल
कुल 5208 डेयरी इकाइयां खोलने की थी योजना
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