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सरकार ने अप्रैल में ही किताब के लिए दे दिया था पैसा, मार्च में होगी मैट्रिक-इंटर की परीक्षा, स्कूल अब दे रहा किताब

रांची: राज्य सरकार कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राओं को नि:शुल्क किताब देती है. शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए सत्र शुरू होने के साथ राज्य सरकार ने जिलों को राशि उपलब्ध करा दी. स्कूलों को भी राशि उपलब्ध करा दी गयी थी. इसके बाद भी अब तक सभी विद्यालयों में छात्राओं को किताब नहीं […]

रांची: राज्य सरकार कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्राओं को नि:शुल्क किताब देती है. शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए सत्र शुरू होने के साथ राज्य सरकार ने जिलों को राशि उपलब्ध करा दी. स्कूलों को भी राशि उपलब्ध करा दी गयी थी. इसके बाद भी अब तक सभी विद्यालयों में छात्राओं को किताब नहीं मिली. मार्च में मैट्रिक-इंटर समेत स्कूल स्तर की भी परीक्षा होगी.

मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थी परीक्षा फार्म जमा होने के बाद विद्यालय आना भी छोड़ देंगे. ऐसे में अब जाकर छात्राओं को किताब दी जा रही है. श्री शिवनारायण प्लस टू उच्च विद्यालय की छात्राओं को भी किताब नहीं मिली है.


विद्यालय की ओर से अब छात्राओं को किताब देने की प्रक्रिया शुरू हुई है. छात्राओं का कहना है कि अब जब कि उनकी परीक्षा होने वाली है, वे किताब लेकर क्या करेंगी. विद्यालय की लगभग 200 से अधिक छात्राएं बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुंची. छात्राओं ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष अपनी बातें रखी. छात्राओं का कहना था कि उन्होंने सत्र शुरू होने के साथ अप्रैल में ही किताब खरीद ली थी. अब उनकी पढ़ाई भी पूरी होनेवाली है, ऐसे में अब वे किताब लेकर क्या करेंगी. सरकार की ओर से किताब के लिए जो राशि दी गयी है, वह उनके बैंक खाते में दे दी जाये. छात्राओं का कहना था कि विद्यालय की प्रधानाध्यापिका छात्राओं को पुस्तक पथ स्थिति एक किताब दुकान की पर्ची दे रही हैं. छात्राओं को दुकान विशेष से किताब खरीदने के लिए कहा जा रहा है. छात्राओं ने लिखित में अपनी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी.
सत्र शुरू होने के इतने दिन बाद किताब लेने के लिए कहा जा रहा है. हमलोगों अपने पैसे से पहले ही किताब खरीद ली है. ऐसे में अब वे फिर किताब लेकर क्या करेंगे. हमें किताब का पैसा ही दे दिया जाये.
सोनी कुमारी, कक्षा नौ
अगर अब तक हम लोग स्कूल की ओर से किताब दिये जाने का इंतजार कर रहे होते, तो तैयारी कैसे करते. इस कारण सत्र शुरू होने के साथ हमलोगों ने किताबें खरीद लीं. इसके बाद भी स्कूल की ओर से फिर से किताब लेने के लिए दबाव दिया जा रहा है.
अंजली कुमारी, कक्षा दस
छात्राएं किताब खरीद ली हैं, इसलिए किताब का पैसा ही दे दिया जाये. स्कूल में और भी कई परेशानी है. शौचालय की सफाई ठीक से नहीं होती. स्कूल के गेट के पास ही कचरा रखा रहता है, उस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
स्वाती, कक्षा 11
मार्च में इंटर की परीक्षा होगी. स्कूल दिसंबर में किताब दे रहा है. ऐसे में तो साल भर पढ़ाई नहीं होती. अगर छात्राओं ने अपने से किताब खरीद ली है, तो स्कूल पैसा क्यों नहीं दे रहा है, यह मेेरे समझ से परे है.
कोमल कुमारी, कक्षा 12

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