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झारखंड : देसी-विदेशी कंपनियों को जमीन देने की तैयारी
पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की जमीन कंपनियों को देने का किया गया विरोध, फादर स्टेन स्वामी ने कहा रांची : झारखंड सरकार ने पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की 8,57,623़ 94 एकड़ जमीन कंपनियों को देने के लिए लैंड बैंक में शामिल किया है़ यह उस 10़ 56 लाख एकड़ जमीन का 81़ 21 प्रतिशत है, जिसे सरकार […]
पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की जमीन कंपनियों को देने का किया गया विरोध, फादर स्टेन स्वामी ने कहा
रांची : झारखंड सरकार ने पांचवीं अनुसूची क्षेत्र की 8,57,623़ 94 एकड़ जमीन कंपनियों को देने के लिए लैंड बैंक में शामिल किया है़ यह उस 10़ 56 लाख एकड़ जमीन का 81़ 21 प्रतिशत है, जिसे सरकार ने मोंमेटम झारखंड के तहत देशी- विदेशी कंपनियों को देने के लिए चिह्नित किया है़ वर्तमान में सरकार के लैंड बैंक मेंं कुल 20़ 56 लाख एकड़ जमीन है़
तोरपा अंचल के सर्वेक्षण में यह निकल कर आया कि सरकार ने वहां की 7,885़ 26 एकड़ गैर मजरुआ आम व गैर मजरुआ खास जमीन लैंड बैंक में शामिल किया है, जिसमें आम रास्ता, तालाब, चारागाह, कब्रगाह, नदी, पहाड़ आदि शामिल है़ं इसके अतिरिक्त 4,523 एकड़ जंगल- झाड़ की जमीन को भी शामिल किया गया है़ जबकि यह असंवैधानिक है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार ग्राम सभा की जमीन ग्रामीणों के प्रयोग के लिए है़
यह वन अधिकार अधिनियम 2006 व पेसा अधिनियम 1996 का भी उल्लंघन है़ इस विषय पर टीएसी की सलाह नहीं ली गयी और यह एक कार्यकारी आदेश (एक्जीक्यूटिव आॅर्डर) है़ ये बातें फादर स्टेन स्वामी ने सामाजिक संगठनों का संयुक्त अभियान ‘साझा कदम’ द्वारा एक्सआइएसएस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही़
अब 200 गांवों के जुटा रहे आंकड़े : प्रो संजय बसु मल्लिक ने कहा कि तोरपा अचंल के बाद आठ जिले के 200 गांवाें के आंकड़े जुटाये जा रहे है़ं सरकार ने गैरमजरुआ खास जमीन की मालगुजारी काटना भी बंद कर दिया है़ इसके लिए ग्रामीणों को कोई कानूनी सूचना नहीं दी गयी़ प्रभाकर तिर्की ने कहा कि लोगों को उनकी जमीन लिये जाने की जानकारी न मिले इसलिए राज्य सरकार ने लैंड बैंक से जुड़ा अपना कंप्यूटर डाटा ब्लॉक कर दिया है़
सरकार ने कस्टमरी लॉ के तहत परिभाषित जमीन को भी लैंड बैंक में शामिल किया है़ लैंड बनाने की प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण से जुड़ी है़ यह जमीन अधिग्रहण पर प्रभावी केंद्रीय कानून का भी उल्लंघन है़ संवाददाता सम्मेलन में प्रो ज्यां द्रेज, पीपी वर्मा, वाल्टर कंड़लना, पूर्व आइएएस शिव बसंत, जेरोम जेराल्ड कुजूर, फादर अमृत मौजूद थे़
फादर स्टेन ने कहा कि गांव की जमीन बचाने के लिए ग्राम सभा यह निर्णय ले कि ग्राम सभा की एक इंच जमीन भी लैंड बैंक के लिए नहीं देंगे़ इसके बाद हर अंचल के सभी गांव के लोग व पंचायत प्रतिनिधि अपनी जमीन न देने संबंधी ज्ञापन राज्यपाल को दें व उनसे मांग करें कि लैंड बैंक में उनकी जमीन लेने की योजना अविलंब निरस्त की जाये़ यदि राज्यपाल कोई कार्रवाई नहीं करतीं हैं, तो कानून की मदद लेनी चाहिए़
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