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104 दिन में झारखंड के 77 न्यायिक अधिकारी करेंगे 501 लंबित मुकदमों का निबटारा

राणा प्रताप रांची : झारखंड हाइकोर्ट की पहल के बाद राज्य की अदालतों में पांच साल से पुराने लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी आ गयी है. फरवरी 2018 तक एक विशेष लक्ष्य के साथ 500 प्लस मामलों के निबटारे के लिए हाइकोर्ट ने रणनीति बनायी है. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल के दिशा-निर्देश पर […]

राणा प्रताप
रांची : झारखंड हाइकोर्ट की पहल के बाद राज्य की अदालतों में पांच साल से पुराने लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी आ गयी है. फरवरी 2018 तक एक विशेष लक्ष्य के साथ 500 प्लस मामलों के निबटारे के लिए हाइकोर्ट ने रणनीति बनायी है. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल के दिशा-निर्देश पर चिह्नित 500 प्लस मामलों की स्पीडी ट्रायल के लिए कार्य योजना तैयार की गयी है. 16 नवंबर से 28 फरवरी, 2018 के बीच जजों को कुल 104 दिन मिलेंगे, इन मुकदमों को निबटाने के लिए.
इन लंबित मुकदमों (कुल 501) के निष्पादन की जिम्मेदारी राज्य के 24 जिलों के 77 न्यायिक अधिकारियों को सौंपी गयी है. रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने रांची के प्रधान न्यायायुक्त व प्रधान जिला न्यायाधीशों को पत्र लिख कर विहित प्रपत्र में मामलों की प्रगति की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
मालूम हो कि हाइकोर्ट ने 500 प्लस मामलों के लिए जून से ही तैयारी शुरू कर दी थी. लंबित मामलों के निष्पादन का लक्ष्य तय किया था. 30 जून तक पांच वर्ष से अधिक पुराने लंबित 76,071 मामलों को चिह्नित किया गया. इसमें से 35,010 मामलों को मार्च 2018 तक निष्पादित करने का लक्ष्य रखा गया. अब तक 9,500 से अधिक मामले निष्पादित किये जा चुके हैं.
पांच साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में सबसे ज्यादा 9,254 मामले धनबाद जिला में लंबित हैं. उधर, एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा है कि अदालतों में लंबे समय तक मामला लंबित नहीं रहना चाहिए. उसका शीघ्र निष्पादन जरूरी है, ताकि लोगों को न्याय मिल सके.
मामलों की प्रतिदिन हो रही है सुनवाई
उच्चस्तरीय बैठक में तय हुआ था लक्ष्य :एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. इसमें राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, विधि सचिव, डीजीपी आदि उपस्थित थे. 500 प्लस मामलों के स्पीडी ट्रायल के लिए समयबद्ध तरीके से गवाहों को बुलाने सहित अन्य सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया था. डीजीपी को इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था. गवाहों के तय समय पर आने से ही उक्त लक्ष्य हासिल किये जा सकते हैं. मामलों में सरकार के संबंधित अधिवक्ताअों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया.
पांच वर्ष से अधिक पुराने मामलों की स्थिति
जिला जून तक लंबित मार्च तक का लक्ष्य निष्पादित
बोकारो 5006 2275 580
चाईबासा 1477 679 279
चतरा 1459 671 578
देवघर 4873 2245 357
धनबाद 9254 4260 1123
दुमका 2324 1070 519
गढ़वा 5910 2720 340
गिरिडीह 5419 249 623
गोड्डा 4453 2050 311
गुमला 1452 670 179
हजारीबाग 5365 2470 395
जमशेदपुर 5664 2610 905
जामताड़ा 434 200 105
खूंटी 620 285 149
कोडरमा 1954 900 515
लातेहार 961 443 166
लोहरदगा 336 156 67
पाकुड़ 974 450 175
पलामू 4410 209 678
रामगढ़ 3098 1428 331
रांची 8335 3840 1068
साहेबगंज 1704 788 279
सिमडेगा 26 14 05
सरायकेला 563 262 107

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