इसके अलावा प्रखंड मुख्यालय एवं इससे संलग्न गांवों को पाइप जलापूर्ति से आच्छादन का निर्णय लिया गया है. विभाग को अब तक 68 विधायकों की अनुशंसा प्राप्त हुई है. जिसमें 24 योजनाओं पर निर्माण कार्य चल रहा है. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत पहले चरण में 20 अनुशंसा प्राप्त हुआ है. इनमें 14 योजनाओं की स्वीकृति दी जा चुका है एवं काम चल रहा है. वहीं दूसरे चरण में 19 योजनाओं की अनुशंसा मिली है. जिसका डीपीआर बन रहा है.
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79 जलापूर्ति योजनाओं के लिए 1080 करोड़ मंजूर
रांची : पेयजल विभाग ने 79 ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए 1080़ 72 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस राशि में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) के तहत धनबाद, बोकारो, चतरा एवं प. सिंहभूम में 21 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण 346.42 करोड़ की लागत से किया जायेगा. यह राशि वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 […]
रांची : पेयजल विभाग ने 79 ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए 1080़ 72 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस राशि में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) के तहत धनबाद, बोकारो, चतरा एवं प. सिंहभूम में 21 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण 346.42 करोड़ की लागत से किया जायेगा. यह राशि वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए दी गयी है. वहीं विधायकों की अनुशंसा पर 27 विधानसभा क्षेत्रों में 57 योजनाओं के निर्माण के लिए 734.29 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है.
पाइप जलापूर्ति योजनाओं का आच्छादन 30 प्रतिशत: राज्य सरकार ने 2020 तक पाइप जलापूर्ति का आच्छादन 50 प्रतिशत के लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से इन योजनाओं की मंजूरी दी है. वर्तमान में पाइप जलापूर्ति योजनाओं का आच्छादन 30 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्ष 2016-17 के अपने बजटीय भाषण में योजना की प्राथमिकता तय करते हुए राज्य के सभी विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्रों में कम से कम एक पाइप जलापूर्ति योजना का निर्माण करने का निर्णय लिया था.
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