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आंदोलनकारियों को 10 हजार पेंशन दे सरकार : मार्डी

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (मार्डी) के अध्यक्ष कृष्णा मार्डी ने कहा कि झारखंड अलग होने के 17 वर्षों बाद भी लोगों को वह लाभ नहीं मिला, जिसके वह हकदार हैं. जिस राज्य के लिए लोगों ने संघर्ष किया, वहां की योजनाएं अब तक केवल कागजों पर ही बनी है. राज्य में 70 हजार से […]

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (मार्डी) के अध्यक्ष कृष्णा मार्डी ने कहा कि झारखंड अलग होने के 17 वर्षों बाद भी लोगों को वह लाभ नहीं मिला, जिसके वह हकदार हैं. जिस राज्य के लिए लोगों ने संघर्ष किया, वहां की योजनाएं अब तक केवल कागजों पर ही बनी है. राज्य में 70 हजार से अधिक आंदोलनकारी हैं, जिसमें मात्र तीन हजार की स्कूटनी हो सकी है और उसमें भी महज 900 को पेंशन मिल रहा है. उक्त बातें उन्होंने रविवार को विधानसभा सभागार में केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में कही.
मांगें नहीं मानी गयी, तो होगा आंदोलन : श्री मार्डी ने कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण के नाम पर आदिवासियों को लड़ाना चाहती है. उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों के शहीद परिवार को सरकारी नौकरी देने व आंदोलनकारियों को प्रत्येक माह 10 हजार रुपये पेंशन देने, सरकार द्वारा 1985 के स्थानीय नीति के कट ऑफ डेट को रद्द कर 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने, जल्द से जल्द 2013 के आधार पर विस्थापन नीति लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो मोर्चा पूरे राज्य में आंदोलन करेगी.

बैठक में मोर्चा का विस्तार किया गया. इसमें अध्यक्ष कृष्णा मार्डी, उपाध्यक्ष शिवा महतो, अर्जुन राम, लालू सोरेन, एकरामुद्दीन, भोला प्रसाद, पीएन पांडेय, गणपत महतो, धनीराम मांझी, महासचिव बेनीलाल महतो, सचिव राजेश यादव, विश्वनाथ तुरी, वासी खान, खेदन महतो, काली चक्रवर्ती, दिगंबर महतो, अंतु मरांडी, नागेंद्र सिंह, मुस्तफा खान, भीमनाथ मांझी, संगठन सचिव कमलेश्वर महतो, कृष्णा थापा, रंजीत महतो, काशीनाथ केवट, फलेंद्र प्रसाद, कोषाध्यक्ष नरेश महतो, हरीश महतो को बनाया गया. बैठक में पूर्व विधायक अर्जुन राम, बेनी लाल महतो उपस्थित थे.

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