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रांची : पुलिस संस्मरण दिवस पर शहीद जवानों को दी गयी श्रद्धांजलि
रांची : कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन में पुलिस संस्मरण दिवस पर शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. एसएसपी ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों व शहीद जवानों के परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि […]
रांची : कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन में पुलिस संस्मरण दिवस पर शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. एसएसपी ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों व शहीद जवानों के परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस विभाग में हर साल कई लोग कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो जाते हैं.
आज का दिन उन्हीं शहीदों के नाम पर समर्पित है. परिजनों ने भी पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम के बाद एसएसपी ने शहीद के परिजनों की समस्याएं भी सुनी. एसएसपी के सामने शहीद के परिजनों ने पहली समस्या रखी कि स्कूल में पढ़ने के लिए उनके बच्चों को रुपये नहीं मिलते हैं.
उन्होंने बताया कि सरकारी प्रावधान के मुताबिक शहीद के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए रुपये मिलते हैं. आपके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं, इसलिए रुपये नहीं मिल रहे हैं. कार्यक्रम में ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, सिटी एसपी अमन कुमार, ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह के अलावा डीएसपी व थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित थे.
शहीद डीएसपी प्रमोद की पत्नी बोलीं
कम से कम सार्जेंट मेजर के पद पर नियुक्ति हो
शहीद डीएसपी प्रमोद की पत्नी ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अब तक उनकी नियुक्ति का मामला लंबित है. पहले डीएसपी रैंक में उनकी नियुक्ति की अनुशंसा हुई थी. जिसे अस्वीकार कर दिया गया. बाद में सार्जेंट मेजर के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गयी, उसे भी अस्वीकार कर दिया गया. शहीद की पत्नी ने एसएसपी से कम से कम सार्जेंट रैंक में नियुक्त करने की मांग की है. एसएसपी ने कहा कि आप आवेदन दें, मैं प्रस्ताव तैयार कर पुलिस मुख्यालय से अनुशंसा करूंगा.
सिपाही के परिजनों से कहा
पारिवारिक विवाद सुलझा लें, तब मिलेगी नौकरी
तीसरी समस्या एक शहीद सिपाही के परिजनों की थी. उनके आश्रितों को अब तक नौकरी नहीं मिली है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार सिपाही जिस वक्त शहीद हुआ, वह कुंवारा था. उसके स्थान पर नौकरी की दावेदारी उसकी बहन और भाई दोनों कर रहे हैं. पारिवारिक विवाद के कारण शहीद के आश्रित को अब तक नौकरी नहीं मिल पायी है. एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने आश्रितों से अनुरोध किया कि वे पहले पारिवारिक विवाद की समस्या सुलझा लें. इसके बाद उन्हें नौकरी मिल जायेगी.
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