रांची: मसीही विश्वासी 13 अप्रैल को खजूर रविवार मनायेंगे. वे यीशु के यरुशलेम में शांति के राजकुमार के रूप में प्रवेश को स्मरण करेंगे. यीशु ने गदहे के बच्चे पर बैठ कर प्रवेश किया था और लोगों ने कपड़े व खजूर की डालियां बिछा कर उनका स्वागत किया था. खजूर की डालियां विजय की प्रतीक हैं और गदहा शांति का. घोड़े को युद्ध का प्रतीक माना जाता था.
गिरजाघरों में आज के कार्यक्रम: संत मरिया महागिरजाघर परिसर में पहली मिस्सा के बाद कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो खजूर की डालियों की आशीष करेंगे. मसीही विश्वासी शोभायात्र निकालेंगे और संत अलबर्ट कॉलेज के सामने के गेट से निकल कर महागिरजाघर में प्रवेश करेंगे. शोभायात्र में सबसे पहले क्रूस सेवक, उनके बाद पुरोहित और अंत में विश्वासी रहेंगे.
संत पॉल कैथेड्रल में सुबह छह बजे बिशप बीबी बास्के खजूर के क्रूसों का संस्कार व वितरण करेंगे. जीइएल क्राइस्ट चर्च में सुबह 6.30 की आराधना में बिशप जॉनसन लकड़ा व रेव्ह एस सोय व दूसरी आराधन में बिशप सीडी जोजो उपदेश देंगे. एनडब्ल्यूजीइएल चर्च की पहली आराधना में रेव्ह राजीव सतीश टोप्पो व दूसरी में पादरी पीटर खाखा का संदेश होगा.