ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय प्रबंध समिति के गठन में विवाद होता है. जिन लोगों के बच्चे विद्यालय में नहीं पढ़ते, वे भी प्रबंध समिति के गठन में भाग लेना चाहते हैं. विद्यालय राजनीति का केंद्र बन जाता है. इससे शिक्षक अनावश्यक विवाद में आते हैं. शिक्षकों को टारगेट किया जाता है. श्री तिवारी ने कहा है कि तमाड़ में भी शिक्षक की हत्या में एसएमसी गठन में विवाद का मामला सामने आ रहा है. ऐसे में अब शिक्षक अपने को एसएमसी गठन से दूर रखेंगे. शिक्षक विद्यालय प्रबंध समिति के गठन प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे.
उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग शिक्षकों को पोशाक पहनने के लिए दबाव दे रही है. पोशाक में होने से शिक्षक आसानी से पहचान में आ जाते हैं. ऐसे में नक्सली क्षेत्र में दिक्कत हो सकती है. मृत शिक्षक के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है. दुर्गा पूजा के बाद संघ की बैठक होगी, जिसमें मामले को लेकर आगे की रणनीति तय की जायेगी. हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने पर संघ आंदोलन करेगा.