डॉ पटनायक ने कहा कि भारत सरकार तेलहन और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए भारत सरकार ने चावल उत्पादन वाले वैसे राज्यों को चुना है, जहां केवल धान की खेती हो रही है.
इसमें झारखंड भी है. भारत सरकार ने इसके लिए विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है. 2016-17 में पूर्वी भारत के असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा व प बंगाल को चिह्नित किया गया है. इन क्षेत्रों में खेती के साथ-साथ किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सहजन, मधुमक्खी पालन व लाह को प्रोत्साहित करने की जरूरत है.भारत सरकार के कृषि अायुक्त डॉ एसके मल्होत्रा ने कहा कि पूर्वी राज्यों में खेती का घनत्व बढ़ाने की जरूरत है. वर्तमान में 120 फीसदी के आसपास है. इसे 140 से 150 फीसदी करने की जरूरत है.
संयुक्त सचिव बी राजेंद्र ने कहा कि पूर्वी राज्यों के अधिकारी भारत सरकार से मिलनेवाली राशि खर्च करने को लेकर संवेदनशील रहें. अतिथियों का स्वागत करते हुए राज्य की कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि झारखंड में दलहन उत्पादन राष्ट्रीय औसत से अधिक है. तेलहन के क्षेत्र में यह कम है. इसको बढ़ाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. मौके पर बीएयू के कुलपति पी कौशल, राज्य के कृषि निदेशक राजीव कुमार, भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक एफएन त्रिपाठी, निबंधक सहकारिता विभाग विजय कुमार सिंह आदि मौजूद थे.