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झारखंड सरकार से मान्‍यताप्राप्‍त यूनिवर्सिटी ने बनाये दर्जनों फर्जी डॉक्‍टर, 12वीं पास बना कैंसर स्‍पेशलिस्‍ट

शकील अख्तर रांची : झारखंड सरकार से मान्‍यता प्राप्‍त एक यूनिवर्सिटी ने देशभर में दर्जनों ऐसे फर्जी डाक्‍टर खड़े कर दिये जो 12वीं तक की परीक्षा में भी फेल हो चुके हैं. इस युनिवर्सिटी ने कई फेल्‍योर स्‍टूडेंट को तो विभिन्‍न रोगों का स्‍पेशलिस्‍ट भी बना दिया. कोलकाता सीआइडी की टीम ने खुलासा किया है […]

शकील अख्तर

रांची : झारखंड सरकार से मान्‍यता प्राप्‍त एक यूनिवर्सिटी ने देशभर में दर्जनों ऐसे फर्जी डाक्‍टर खड़े कर दिये जो 12वीं तक की परीक्षा में भी फेल हो चुके हैं. इस युनिवर्सिटी ने कई फेल्‍योर स्‍टूडेंट को तो विभिन्‍न रोगों का स्‍पेशलिस्‍ट भी बना दिया. कोलकाता सीआइडी की टीम ने खुलासा किया है कि 12वीं में फेल व्यक्ति, यूनानी दवा बेचनेवाला और परीक्षा में दो-दो बार फेल होने चुका शख्स भी फर्जी डिग्री के सहारे प्रख्यात चिकित्सक बन चुका है. ऐसे एक दर्जन से अधिक फर्जी डॉक्टर सीआइडी की टीम के हत्थे चढ़े हैं.

ऐसे कई और ‘विशेषज्ञ’ डॉक्टर जांच दल की गिरफ्त में आ सकते हैं. कोलकाता सीआइडी की टीम ने कहा है कि ये फर्जी डिग्री के सहारे डॉक्टरी करनेवालों की फौज कोलकाता से लेकर कोयंबटूर तक फैली है. वे बेखौफ प्रैक्टिस कर रहे हैं. कोई कैंसर विशेषज्ञ, तो कोई दमा स्पेशलिस्ट बन करोड़ों की कमाई कर रहा है. झारखंड में भी ऐसे डॉक्टरों के होने की संभावना सीआइडी ने जतायी है.

नीम हकीम खतरा-ए-जान. यह कहावत सबने सुनी है. हम आये दिन अस्पतालों में हंगामे की खबर मीडिया में पढ़ते और देखते हैं. आरोप होता है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके निकट परिजन की मौत हुई. हालांकि, कभी अस्पताल प्रबंधनों ने मृतकों के परिजनों के इन आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया. पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने जो खुलासा किया है, उसने सबके होश उड़ा दिये हैं.

कोलकाता सीआइडी की टीम ने खुलासा किया है कि देश में पैसे लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर बनाने का खेल चल रहा है. जी हां, देश में आजकल ऐसे-ऐसे ‘विशेषज्ञ’ (स्पेशलिस्ट) डॉक्टर तैयार हो रहे हैं, जो नीम-हकीम से भी ज्यादा खतरनाक हैं. घातक हैं. गंभीर रोगों का इनसे इलाज करानेवाले को जन्नत नसीब होने से कोई नहीं बचा सकता.

फर्जी डिग्री देनेवाली प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (झारखंड) के कोलकाता स्थित कार्यालय को सील कर दिया गया है. मामले की जांच में लगे अधिकारी इस बात से हैरान हैं कि झारखंड में इस यूनिवर्सिटी का एक्ट पारित होने के पहलेे ही गजट नोटिफिकेशन कैसे हो गया.

जांच के दौरान पकड़े गये फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों में सर्वाधिक चर्चित नाम डॉ नरेंद्र पांडेय, शुभेंदू भट्टाचार्य और अरदीप चटर्जी का है. दमा विशेषज्ञ के रूप में प्रैक्टिस करनेवाला नरेंद्र पांडेय 12वीं की परीक्षा में फेल हो गया था. इसके बाद यूनानी दवा बेचने लगा. दवा बेचते हुए मेडिकल की फर्जी डिग्री ली और दमा विशेषज्ञ बन गया.शुभेंदू भट्टाचार्य कभी किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं पढ़ा, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर बन कर प्रैक्टिस करने लगा. अरदीप चटर्जी इनमें से सर्वाधिक चर्चित नाम है. होम्योपैथ कॉलेज से दो बार फेल होने के बाद मेडिकल की फर्जी डिग्री हासिल की और बन गये कैंसर विशेषज्ञ.

कमाई इतनी कर ली कि बीएमडब्ल्यू कार से चलने लगे, लेकिन फर्जी डिग्री की जांच के दौरान पकड़े गये. कोयंबटूर से पकड़े गये अरुमुगुराज के पास भी फर्जी डिग्री थी. वह भी डॉ सुरेश अग्रवाल की कृपा से डॉक्टर बने थे.

चार संस्थाओं पर एमबीबीएस और एमडी की फर्जी डिग्री देने के आरोप में प्राथमिकी

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शिकायत पर चार संस्थाओं के खिलाफ एमबीबीएस और एमडी की फर्जी डिग्री देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. विधान नगर थाने में 25 मई 2017 को दर्ज प्राथमिकी में अल्टरनेटिव मेडिकल काउंसिल, काउंसिल और अल्टरनेटिव सिस्टम ऑफ मेडिसीन, इंडियन काउंसिल ऑफ अल्टरनेटिव काउंसिल और इंडियन बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव का नाम शामिल है. प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल और उनके बेटे चंदन अग्रवाल ही यह संस्था चलाते हैं. इसकी डिग्री इंडियन बोर्ड ऑफ मेडिकल काउंसिल द्वारा प्रदान की जाती है.

झारखंड में प्रज्ञान यूनिवर्सिटी का पता अलग-अलग

झारखंड में प्रज्ञान यूनिवर्सिटी ने अपना पता अलग-अलग लिखा है. डीपीआर में गोंदा टाउन का पता दर्ज है. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर बरियातू और आइएसओ-9001 के प्रमाण पत्र में महावीर टावर का पता दर्ज है. राज्य में इस यूनिवर्सिटी का गजट नोटिफिकेशन 16 मई 2016 को हुआ, जबकि एक्ट 2017 मेें विधानसभा से पारित हुआ.

झारखंड में भी विश्वविद्यालय खोलने की दी गयी थी अनुमति

प्रज्ञान फाउंडेशन को झारखंड में भी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी गयी थी. पर अब तक फाउंडेशन ने राज्य में विश्वविद्यालय शुरू नहीं किया था. इस वजह से पूर्व में भी दो बार राज्य सरकार द्वारा फाउंडेशन को शो-कॉज किया गया था. इधर पश्चिम बंगाल में फाउंडेशन द्वारा एमबीबीएस की फर्जी डिग्री बांटने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री सचिवालय ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है. राज्य सरकार द्वारा प्रज्ञान विश्वविद्यालय का एक्ट रद्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है. प्रबंधन को नोटिस जारी कर दिया गया है.

फर्जी डिग्री प्रदान करनेवाली यूनिवर्सिटी

प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल और उनके बेटे चंदन अग्रवाल ही इंडियन बोर्ड ऑफ मेडिकल काउंसिल नामक संस्था चलाते है. इसमें अल्टरनेटिव मेडिसीन का कोर्स भी है, जिसकी डिग्री इंडियन बोर्ड ऑफ मेडिकल काउंसिल द्वारा दी जाती है. पकड़े गये फर्जी डॉक्टर के पास इसी िवश्वविद्यालय की डिग्री है.

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