मंगलवार को टीम ने पाया कि ग्राफ्टिंग किया गया स्कीन पूरी तरह पैर में आ गया है. स्कीन पर हालांकि अभी लालिमा बाकी है, जो दवाओं से ठीक हो जायेगा.
डॉ अजीत ने बताया कि मरीज के इलाज की सारी व्यस्था जूनियर डॉक्टरों द्वारा ही की गयी. ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह ठीक है. ऑपरेशन करनेवाली टीम में डॉ मृत्युंजय सरावगी, डॉ अजीत कुमार एवं डॉ सुशील शामिल थे.