उन्होंने कहा है कि आमतौर पर बहुत सी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास चेंबर की ओर से किया जाता है, जो प्रशंसनीय है. चेंबर और सरकार के बीच संवाद में कमी होने से कहीं न कहीं देश और राज्य के विकास में बाधा उत्पन्न होती है. इसलिए सरकार और चेंबर के बीच नियमित संवाद जरूरी है. व्यापारी जीएसटी से संबंधित परेशानियों को सरकार के समक्ष जरूर रखें. इसका समाधान सुनिश्चित किया जायेगा. जीएसटी पूर्वी भारत के व्यापार और उद्योग जगत के लिए लक्ष्मी का वरदान साबित होनेवाला है.
श्री गाड़ोदिया ने कहा कि श्री शाह ने आश्वासन दिया कि 2022 तक देश के सभी गांवों तक बिजली, शौचालय, रसोई गैस और ऑप्टिकल फाइबर की उपलब्धता होगी. यह सारी चीजें अर्थतंत्र को मजबूती देनेवाली हैं.चेंबर अध्यक्ष श्री गाड़ोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान जीएसटी पर हिंदी में किताब प्रकाशित कराने का आश्वासन दिया है. यह भी कहा कि राज्य की आर्थिक उन्नति में छोटे-बड़े सभी व्यापारियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है. व्यवसायियों को पहले काफी परेशानी थी. 18 फॉर्म भरने पड़ते थे, जिसे जीएसटी के माध्यम से सरल किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, प्रदेश प्रभारी रामबचन नेताम, हटिया विधायक नवीन जयसवाल व सांसद रवींद्र राय भी मौजूद थे.
राज्य की बिजली व्यवस्था को प्रोफेशनल के हाथों सौंपा जाना ही एकमात्र विकल्प है. श्री गाड़ोदिया ने कहा कि राज्य में स्थापित वर्तमान उद्योगों की समस्याओं के निराकरण का प्रयास जरूरी है. श्री गाड़ोदिया के नेतृत्व में एक ज्ञापन श्री शाह को सौंपा गया. इसमें मुख्य रूप से राज्य की आधारभूत संरचना को विकसित करने, यातायात संकट से निबटने के लिए शहरों को व्यवस्थित करने, गुजरात मॉडल की तर्ज पर झारखंड में आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम का निर्माण, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार, बस के लिए कॉरिडोर तथा व्यस्ततम मार्गों मेंं फ्लाई ओवर का निर्माण, राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार, देवघर, धनबाद, जमशेदपुर और दालभूमगढ़ में एयरपोर्ट की स्थापना करने तथा झारखंड से अंतरराष्ट्रीय वायु सेवा शुरू करने की मांग की गयी.