आती हैं, अदालत अपनी आखें नहीं मूंद सकती
झारखंडर : नर्सों के सैकड़ों पद रिक्त होने पर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी, कहा
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को रिम्स के मेट्रोन पद पर प्रोन्नति को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सरकारी अस्पतालों में सैकड़ों नर्सों का पद रिक्त रहने पर अदालत ने नाराजगी जतायी.
मामला रिम्स के मेट्रोन पद पर प्रोन्नति देने का
झामुमो के अल्पसंख्यक मोर्चा ने रिम्स निदेशक के कार्यालय का किया घेराव
रांची : सुनवाई के दाैरान अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी की. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि लापरवाही के चलते मरीजों की माैत से संबंधित खबरें रोजाना अखबारों में आती हैं. अव्यवस्था की सूचना रहती है. यदि अस्पतालों में पद रिक्त रहेंगे, मेडिकल स्टाफ व संसाधन की कमी है, तो मरीजों का इलाज कैसे हो रहा है?
अधिकारी उच्च पद पाने की लालसा रखते हैं. उच्च पद प्राप्त भी कर लेते हैं, लेकिन अपनी जिम्मेवारियों को नहीं निभाते है. जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं करना लापरवाही है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. यह काफी गंभीर मामला है. इस तरह की लापरवाही देख कर अदालत अपनी आंखें नहीं मूंद सकती है. अदालत मामले की कतई अनदेखी नहीं करेगी. स्वास्थ्य विभाग में लाल फीताशाही हावी हो गयी है.
खाली पड़े पदों को भरने के प्रति सरकार गंभीर क्यों नहीं : अदालत ने कहा कि अस्पतालों में खाली पड़े पदों को भरने के प्रति सरकार गंभीर क्यों नहीं है? नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं की गयी. अदालत ने रिम्स निदेशक डाॅ बीएल शेरवाल के जवाब पर उन्हें कड़ी फटकार लगायी. कहा कि रिम्स में नर्सों के 761 पद है, जिसमें से 411 पर नर्सें कार्यरत हैं.
निदेशक से पूछा कि रिक्त पदों को भरने के लिए आपने क्या किया? आपका कहना है कि पद रिक्त रहने से स्थिति खराब है. जब आधे पद रिक्त हैं, तो मरीजों का इलाज कैसे हो रहा है? रिम्स की व्यवस्था कैसे चल रही है? कितने दिनों में भरती प्रक्रिया शुरू करेंगे?
तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया : निदेशक ने कहा कि वे पिछली सुनवाई के दाैरान राज्य से बाहर थे. इसलिए अदालत के आदेश की जानकारी नहीं है. उन्होंने चार सप्ताह की मोहलत देने का आग्रह किया. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीजों की माैत हो रही है आैर आप कागजी कार्यवाही के लिए समय मांग रहे हैं. अदालत ने तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया.
अगली सुनवाई के दाैरान शुरू की गयी नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित जानकारी देने का भी निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 15 सितंबर की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दाैरान निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डा सुमंत मिश्रा, रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल व कार्मिक विभाग के पदाधिकारी सशरीर उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी निलिमा रूंडा ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने का आग्रह किया है.
नर्सों की भरती प्रक्रिया पर रिम्स अौर सरकार से हाइकोर्ट ने मांगा जवाब
रिम्स निदेशक ने चार हफ्ते का समय लिया, अगली सुनवाई 15 सितंबर को