रांची: राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय तक के शिक्षकों को अब मनपसंद पोस्टिंग मिल जायेगी. इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने नयी स्थानांतरण नियमावली तैयार की है. प्रस्ताव िवभागीय मंत्री को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. नयी स्थानांतरण नीति लागू होने के बाद मनपसंद पोस्टिंग के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिया जायेगा. आवेदन में दिये गये विकल्प के आधार पर शिक्षकों को मनपसंद पोस्टिंग दी जायेगी.
प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों का स्थानांतरण जिला स्थापना समिति व प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों का स्थानांतरण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा होगा. शिक्षकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता बरती जायेगी. स्थानांतरण नीति बनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को उनके मनचाहे स्थान पर भेजना है, ताकि वे मन लगा कर विद्यार्थियों को पढ़ा सकें और शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके.
छह जोन में बांटा जायेगा जिला को
शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए जिला को छह जोन में बांटा जायेगा. शिक्षक एक जोन में अधिकतम तीन स्कूल में पोस्टिंग का विकल्प दे सकते हैं. शेष तीन विकल्प उन्हें अलग-अलग जोन में देना होगा. उपलब्ध रिक्ति के आधार पर दिये गये विकल्प को प्राथमिकता देते हुए मनपसंद स्कूल में शिक्षकों का स्थानांतरण किया जायेगा.
1. जिला मुख्यालय/नगर निगम क्षेत्र के स्कूल
2. जिला मुख्यालय/नगर निगम क्षेत्र के दस किलोमीटर दूर तक के स्कूल
3. अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय व आसपास के विद्यालय
4. अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय के बाहर दस किलोमीटर तक का स्कूल
5. राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग के पांच से दस किलोमीटर का स्कूल
6. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय
स्थानांतरण में इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण के लिए दिये गये विकल्प में गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षक, महिला, विकलांग, विधवा, 45 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों को प्राथमिकता दी जायेगी. पोस्टिंग में प्राथमिकता के लिए अलग-अलग अंक का निर्धारण किया गया है. अंक के अाधार पर शिक्षकों की ग्रेडिंग की जायेगी. इसके बाद मिले ग्रेड के आधार पर विकल्प को प्राथमिकता दी जायेगी.
क्या है इसका उद्देश्य
नयी स्थानांतरण नीति का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल को और बेहतर करना है, ताकि बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके. राज्य में शिक्षक स्थानांतरण को लेकर जिला शिक्षा से लेकर राज्य मुख्यालय तक का चक्कर लगाते रहते हैं. इससे पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ता है. स्थानांतरण नीति लागू होने से शिक्षकों के स्थानांतरण में पारदर्शिता आयेगी. शिक्षक अपने मनपसंद स्कूल में पोस्टिंग पा सकेंगे.