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डालटनगंज, गढ़वा और हजारीबाग प्रमंडल में स्थिति ज्यादा खराब, केंदू पत्ता मजदूरों का 30 करोड़ बकाया
रांची: पूरे राज्य में केंदू पत्ता मजदूरों को करीब 30 करोड़ रुपये मजदूरी के रूप में नहीं मिल सकी है. इस वजह से मजदूरों में नाराजगी है. चालू मौसम में करीब 81.90 करोड़ रुपये का भुगतान मजदूरी के रूप में होना था. इसमें करीब 51.90 करोड़ रुपये का ही भुगतान हो पाया है. सबसे अधिक […]
रांची: पूरे राज्य में केंदू पत्ता मजदूरों को करीब 30 करोड़ रुपये मजदूरी के रूप में नहीं मिल सकी है. इस वजह से मजदूरों में नाराजगी है. चालू मौसम में करीब 81.90 करोड़ रुपये का भुगतान मजदूरी के रूप में होना था. इसमें करीब 51.90 करोड़ रुपये का ही भुगतान हो पाया है.
सबसे अधिक बकाया डालटनगंज प्रमंडल का है. यहां करीब नौ करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. गढ़वा में करीब साढ़े छह और हजारीबाग आठ करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. इससे करीब 50 हजार से अधिक मजदूरों के सभी प्रमंडलों में प्रभावित होने का अनुमान है.
1.18 लाख मजदूरों का खाता खुल गया
इस बार करीब 1.38 लाख मजदूरों का बैंक में खाता खोला जाना था. इसमें 1.18 लाख का खाता खुल गया है. शेष का खाता नहीं खुल पाया था. इस कारण बैंक में भुगतान नहीं हो पा रहा था. एमडी को कहा गया था कि नियम को शिथिल कर नकद भी भुगतान करें. इसके बावजूद बड़ी संख्या में मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. एमडी ने नियमावली की कंडिका 11.1 का उल्लंघन किया था. एमडी ने कई स्थानों पर मजदूरी मजदूरों के खाते में नहीं डालकर लाभुक समिति के खाते में डाल दिया है. यह आपत्तिजनक है. इस संबंध में उनको पत्र भी लिखा गया है.
आलोक चौरसिया, अध्यक्ष, वन विकास निगम
सात लाख मानक बोरे की हो चुकी है तुड़ाई : राज्य में इस साल सात लाख से अधिक मानक बोरे की तुड़ाई हो चुकी है. प्रति मानक बोरा 1140 रुपये का भुगतान मजदूरों को करना है. 81.90 करोड़ में से बैंक खाते से 23.16 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है, वहीं करीब 28 करोड़ रुपये का भुगतान नकद हुआ है. धालभूम और रांची प्रमंडल करीब 14 करोड़ रुपये मजदूरी नकद बांट दिया. वहीं, अन्य प्रमंडलों ने काफी कम मात्रा में नकद भुगतान किया है.
48 घंटे में मजदूरी भुगतान करने का है प्रावधान
केंदू पत्ता बिक्री शर्तें एवं बंधेज-2017 की धारा 29.1 में प्रावधान है कि मजदूरी का भुगतान 48 घंटे के अंदर कर देना है. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रमडंलीय प्रबंधकों की होगी. राज्य में मई से जून माह तक पत्ता टूटता है. मजदूरों को अगस्त माह के शुरुआत तक पैसे का भुगतान नहीं हो पाया है. रांची प्रमंडल में मई, हजारीबाग, गढ़वा, गिरिडीह तथा डालटनगंज प्रमंडल में जून माह के प्रथम सप्ताह तक पत्तों की तुड़ाई होती है.
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