रांची. झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का श्रावणी खादी मेला शनिवार से रातू रोड स्थित बोर्ड कार्यालय परिसर में शुरू हुआ. यह मेला छह अगस्त तक चलेगा. मेले का उदघाटन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि खादी राष्ट्रप्रेम अौर राष्ट्रवाद से भी जोड़ता है. हमें इसे आगे बढ़ाना है. खादी सिर्फ शब्द नहीं है, बल्कि आजादी की लड़ाई का प्रतीक है. यह वस्त्र सही मायने में आजादी के नायकों के बलिदान को अपने में समाहित करती है. उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग अौर हस्तकरघा से जुड़ा है अौर इन्हें आगे बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है.
खादी का प्रसार और बिक्री बढ़ाने का प्रयास : संजय सेठ : खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने कहा कि हमलोग होली, दीवाली सभी अवसर पर मेला लगा रहे हैं. पहली बार श्रावणी खादी मेला का आयोजन किया गया है. हमारा प्रयास है कि खादी का प्रसार हो और इसके उत्पादों की बिक्री बढ़े. इससे खादी उत्पादों के उत्पादन से जुड़े उन कारीगरों को भी रोजगार मिलेगा, जो गांवों में रहते हैं. उन्होंने कहा कि आमदा में दो एकड़ में खादी पार्क बनकर तैयार है. जल्द ही इसका उदघाटन होगा. यह पार्क तसर का सबसे बड़ा उत्पादक होगा. मौके पर बोर्ड के सीइअो दीपांकर पंडा, सुमन पाठक, संजीव साहू, कंवलजीत सिंह शंटी, चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुकुल तनेजा, पूनम आनंद, सज्जन सर्राफ आदि मौजूद थे.
50 स्टॉल लगाये गये : मेला परिसर में लगभग 50 स्टॉल लगाये गये हैं. खादी बोर्ड के लगभग दस स्टॉल हैं. यहां पर खादी की बंडी, शर्ट, कुर्ता-पायजामा, कांवरियों के वस्त्र, हर्बल उत्पाद, चूड़ियां, जूट के बैग, टेराकोटा की ज्वेलरी आदि उपलब्ध हैं. खादी के उत्पादों पर 20 से 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है. झारक्राफ्ट के स्टॉल में तसर की साड़ियां, कॉटन साड़ियां, शर्ट आदि उपलब्ध हैं. यहां पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है. इसके अलावा कई लघु उद्यमियों एवं स्वरोजगार से जुड़ी महिलाअों ने भी अपने स्टॉल लगाये हैं. इनमें चूड़ियां, गहने, लहंगा, कुर्ती, बैग सहित अन्य उत्पाद उपलब्ध हैं.