करीब इस 10 साल की अवधि में कई जॉब कार्डधारियों की मृत्यु होने व फर्जी जॉब कार्ड के उपयोग की शिकायत को लेकर रांची जिला के तमाम प्रखंडों को एक निर्धारित समय में जॉब कार्ड का सत्यापन करने का आदेश जारी किया गया था. जिसके लिए जॉब कार्डधारियों से मिल कर उनका कार्ड व छंटनी संबंधी तमाम जानकारी का संग्रहण करना था. जिसमें फोटो नहीं था, उनसे फोटो लेकर उसे सत्यापित कर प्रखंड में कंप्यूटर अॉपरेटर की मदद से अॉन लाइन अपलोड करना था.
लेकिन जो भी इससे संबंधित थे उन्होंने जिला में प्रखंड का सबसे अधिक लक्ष्य दिखाने के चक्कर में इसमें गड़बड़ी कर दी. मंदरों गांव के कुरेश सिंह जॉब कार्ड न. 0008/99 में दूसरे का फोटो, यहीं के दिगंबर साही व सीमा देवी के दो सदस्यीय जॉब कार्ड 008/93 में चार लोगों का फोटो, कैम्बो के उदित कुमार सिंह जॉब कार्ड न. 002/566, गौरी उरांइन जॉब कार्ड न. 002/543, अजहर अंसारी जॉब कार्ड न. 001/486, आबदा खातून 001/295 व नगड़ा के नईम अंसारी जॉब कार्ड न. 002/545, गौरी उरांइन जॉब कार्ड न.002/543 तथा करगे की अंगनी उरांइन जॉब कार्ड न. 002/560 में दूसरे का फोटो लगाकर कार्ड को सत्यापित कर दिया गया है.
यह तो सिर्फ एक बानगी है. मामले की जांच हो, तो जॉब कार्ड के सत्यापन में की गयी खानापूर्ति का खुलासा हो जायेगा. जानकारों के अनुसार जॉब कार्ड की इस गड़बड़ी में सुधार नहीं किया गया, तो ऐसे तमाम लोग व्यक्तिगत विकास योजनाओं के लाभ से वंचित हो जायेंगे. इस बाबत पूछने पर बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. शिकायत मिलने पर इसमें सुधार कर दिया जायेगा.