रांची : दुमका पुलिस ने 10 सितंबर 2010 को काठीकुंड के तालपहाड़ी मुठभेड़ में अपने हथियार से ब्रस्ट फायर कर जामा के तत्कालीन थानेदार सतानंद सिंह को गोली मारनेवाले नक्सली जोनल कमांडर जीतन उर्फ सुशांत दा को गिरफ्तार कर लिया है.
इनकी गिरफ्तारी तालपहाड़ी से शनिवार तड़के की गयी. एसपी हेमंत टोप्पो ने बताया : जीतन उर्फ सुशांत दा पर राज्य सरकार ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. उसके साथ एक 14 वर्षीय बालक को भी गिरफ्तार किया गया है, जो भाकपा माओवादी संगठन से प्रभावित सांस्कृतिक संगठन ‘झारखंड एवेन’ से जुड़ा हुआ है.
पुलिस ने सुशांत उर्फ जीतन के पास से एक पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस व 12900 रुपये नकद बरामद किया है, जबकि लड़के के झोले से नक्सली साहित्य व डफली मिली है.
16 नक्सल घटनाओं में रहा है शामिल : जीतन उर्फ सुशांत दा दुमका, पाकुड़, बोकारो एवं गिरिडीह जिले में घटित 16 बड़े नक्सली वारदातों में शामिल रहा है. दुमका में रामगढ़ के सांपडहर हटिया में श्रीकांत किस्कू की गला रेत कर हत्या करने में भी शामिल था.
झारखंड रिजनल कमेटी का सदस्य है जीतन : भाकपा माओवादी संगठन से जड़े कुख्यात नक्सली जीतन उर्फ सुशांत दा को वर्तमान में संताल परगना का जोनल कमांडर बनाया गया था. वह झारखंड रिजनल कमेटी का भी सदस्य है. वर्ष 1999 में अजय महतो ने गिरिडीह में उसे माओवादी संगठन से जोड़ा था. संताल परगना जोन में जय महतो एवं प्रवीर दा द्वारा लाया गया था.