गुमला: उग्रवादी आयेंगे, तो पुलिस को देसी कुत्ता सतर्क करेंगे. झारखंड पुलिस की यह नयी पहल है. उग्रवादी या किसी प्रकार के संकट की सूचना पुलिस को देसी कुत्ते के माध्यम से मिलेगी. इसके लिए पुलिस अब देसी कुत्ता पाले. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में जितने भी थाना व पुलिस पिकेट हैं, वहां चार या छह देसी कुत्ता रखना है. पुलिस पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों को भी देसी कुत्ता पालना है. पुलिस ने यह कदम उग्रवादियों से निबटने, उनके मंसूबे को फेल करने व पुलिस की सुरक्षा के लिए उठाया है.
उपमहानिदेशक ने एसपी लिखा को पत्र : दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची के पुलिस उपमहानिदेशक ने 10 जुलाई को सभी जिला के एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि जिला में जहां कहीं भी अर्द्धसैनिक बल का पिकेट व पुलिस बल प्रतिनियुक्त है, वहां प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों को देसी कुत्ताें को पालने के लिए प्रोत्साहित किया जाये. वहीं, प्रत्येक पिकेट में चार से छह की संख्या में देसी कुत्ता रखें. रात्रि में उन कुत्ताें को खुला छोड़ा जाये, जिससे उग्रवादियों के खिलाफ पिकेटों पर प्रतिनियुक्त बल को सतर्क रहने में मदद मिलेगी.
उग्रवाद इलाके में पुलिस पिकेट है : गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, रांची व खूंटी जिला ए-श्रेणी नक्सल प्रभावित इलाका है. इन जिलों के दूरस्थ व उग्रवाद पीड़ित गांवों में राज्य पुलिस द्वारा पुलिस पिकेट व अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है, ताकि क्षेत्र में उग्रवादी घटनाओं को रोका जा सके. लेकिन कई बार हुआ है कि उग्रवादी पुलिस पिकेट व थाना पर हमला कर चुके हैं, इसलिए पुलिस ने रात के अंधेरे में आनेवाले उग्रवादियों से सतर्क रहने के लिए देसी कुत्ते का सहारा लेगी.