उसी समय सहकारिता पदाधिकारी भी वहां पहुंचे. ग्रामीणों ने उनसे बीमा के भुगतान के संबंध में जानकारी लेनी चाही, लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन्हें बैंक के अंदर ही दोपहर 12 बजे से दो बजे तक बंधक बनाये रखा.
इस दौरान पदाधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में जमीन से अधिक बीमा हो गया है. इसलिए इसकी जांच चल रही है. जांच पूरा होने पर 30 जून तक बीमा का भुगतान कर दिया जायेगा. इधर, को-अॉपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि इस बैंक के जरिये डुमरदगा, केदल, गागी, चटु, मेसरा (पूर्वी और पश्चिमी) नेवरी, चंदबे, हदूर, सुकुरहुट्टू (उत्तरी व दक्षिणी), जयपुर , खटंगा, कांके (उत्तरी व दक्षिणी) होचर पंचायत के 1901 किसानों की सवा दो करोड़ रुपये बीमित राशि बकाया है. यह राशि 6846.8 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से है.