रामगढ़ : बाल श्रम उन्मूलन पर शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन समाहरणालय के सभागार में किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि झारखंड बाल श्रम आयोग की अध्यक्ष शांति किडो ने किया. शांति किडो ने कहा कि वह बाल श्रमिक रही हैं. इसलिए बाल श्रमिकों की व्यथा को अच्छी तरह से जानती हैं. उनकी समस्याओं के निष्पादन के लिए कारगर कदम उठा रही हैं. उन्होंने कहा कि विभाग में संसाधन की काफी कमी है, फिर भी काम किया जा रहा है. पूरे भारत वर्ष में मात्र झारखंड व बिहार में ही इस आयोग का गठन किया गया है.
उन्होंने जिला स्तरीय पदाधिकारियों व गठित दलों से कहा कि समय -समय पर बैठक कर आपसी सामंजस्य के साथ बाल श्रम कानून को लागू करायें.
बैठक में गरम हो गये सीडब्लूसी के सदस्य : कार्यशाला के दौरान आवाज नामक एनजीओ की और से मंजूलता द्वारा जब यह कहा गया कि गुमशुदा बच्चों के मामले में प्रशासन सख्ती से पेश आता है. बाल श्रम की समस्याओं को सरकारी योजनाओं के भरोसे नहीं रोका जा सकता है.
सरकारी योजनाएं ज्यादातर धरातल पर नहीं उतर पाती हैं. इस पर सीडब्लूसी सदस्य एसपी सिंह भड़क गये. उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही हैं. अध्यक्ष के बीच -बचाव करने पर मामला शांत हुआ. बैठक में डीडीसी किशोर कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मोनिका रानी टूटी, श्रम अधीक्षक रमेश सिंह आदि उपस्थित थे.