रामगढ़:गोला प्रखंड के हिसिमदाग निवासी आदिवासी युवक झालू करमाली ने शनिवार की शाम पांच बजे के करीब समाहरणालय के मुख्य गेट पर प्लास्टिक की रस्सी से लटक कर आत्महत्या का प्रयास किया. पांच बजे समाहरणालय बंद होने के समय निकलनेवालों की भीड़ ने झालू करमाली को बचाया. झालू करमाली का कहना था कि उसे सरकारी परचे से छह डिसमिल जमीन सरकार द्वारा दिया गया था. इस पर उसी के गांव के कौलेश्वर महतो, परमेश्वर महतो व टुन्नू महतो द्वारा जबरन अवैध कब्जा कर चहारदीवारी का निर्माण किया जा रहा है.
इस संबंध में उसने एलआरडीसी रामगढ़ को आवेदन दिया था. जिसे जांच के लिए सीओ गोला को भेज दिया गया था. झालू का कहना है कि सीओ से कई बार मिलने के बावजूद जांच नहीं की गयी तथा सीओ ने कभी उससे सही तरीके से बात नहीं की. झालू ने कहा कि सात अक्तूबर को उसने गोला थाना में आवेदन देकर चहारदीवारी निर्माण पर रोक लगाने की मांग की. लेकिन गोला थाना प्रभारी द्वारा कार्रवाई तो नहीं ही की गयी. झालू करमाली ने बताया कि इसके बाद वह काफी परेशान हो गया तथा उसने शनिवार को आत्महत्या का प्रयास किया. झालू करमाली ने यह भी कहा कि उसकी बहन बीमार है तथा अस्पताल में भरती है. उसकी परेशानी कोई भी सुन नहीं रहा है.
प्रशासन ने की कार्रवाई
झालू करमाली द्वारा आत्महत्या के प्रयास के बाद रामगढ़ प्रशासन ने कई कदम उठाये. तत्काल एसडीओ न्यायालय द्वारा झालू के आवेदन पर झालू की जमीन पर धारा 144 लगा दिया गया. इसके बाद प्रशासन द्वारा रामगढ़ थाना को सूचना दी गयी. रामगढ़ थाना पुलिस समाहरणालय पहुंच कर झालू करमाली को थाने ले आयी. थाने में देर शाम को झालू ने पेट दर्द की शिकायत की, इसके बाद सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच कर रिम्स रेफर कर दिया.