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समाहरणालय के आवासीय परिसर में हत्या से दहशत

इसी परिसर में रहते हैं न्यायाधीश व प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मोबाइल से ही हत्या का हो सकता खुलासा रामगढ़ : छत्तरमांडू स्थित समाहरणालय परिसर के आवासीय काॅलोनी में निर्माणाधीन आवासीय भवन के मुंशी चितरपुर प्रखंड के मारंगमरचा निवासी सतीश कुमार दास की हत्या की जानकारी सोमवार सुबह मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल […]

इसी परिसर में रहते हैं न्यायाधीश व प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी
मोबाइल से ही हत्या का हो सकता खुलासा
रामगढ़ : छत्तरमांडू स्थित समाहरणालय परिसर के आवासीय काॅलोनी में निर्माणाधीन आवासीय भवन के मुंशी चितरपुर प्रखंड के मारंगमरचा निवासी सतीश कुमार दास की हत्या की जानकारी सोमवार सुबह मिलने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गयी. जिस जगह पर शव मिला उसके आसपास के क्षेत्रों में न्यायाधीश, प्रशासनिक पदाधिकारी के आवास हैं और ये लोग यहीं रहते हैं.
समाहरणालय व न्यायालय के कर्मियों का भी आवास उस क्षेत्र में है. मृतक नयीसराय निवासी मुकेश प्रसादनामक ठेकेदार का मुंशी था. हत्या का पता सुबह नौ बजे काम करने पहुंचे एक मिस्त्री से लोगों को मिली. उक्त मिस्त्री ने जब मृतक के कमरे में झांका तो उसे खून के छिटे दिखायी दिये तथा उसने लोगों को खबर की. सतीश के सिर के पीछे किसी भारी चीज से वार किया गया था. जिससे उसका एक कान भी क्षतिग्रस्त हो गया था. रात में सतीश उसी क्षेत्र में निर्माण कार्य में लगे अशोक कुमार सिंह व मोहन भुइयां के साथ खाना खाया था.
सुराग पाने में विफल रहा खोजी कुत्ता
हत्या के बाद पुलिस द्वारा खोजी कुत्ता बुलाया गया. शव के आसपास निरीक्षण करने के बाद कुत्ता लगभग आधा किलोमीटर दूर समाहरणालय के पीछे स्थित बड़कीनदी के समीप बने गोलंबर तक गया. खोजे कुत्ता के इंस्टेक्टर ने बताया कि यहां पर हत्या के लिए आये लोगों ने अपना वाहन खड़ा किया था और यहां से वाहन का उपयोग किये हैं. इसलिए कुत्ते को और जानकारी नहीं मिल रही है.
मृतक का मोबाइल गायब था
सतीश के शव की जांच पुलिस ने की़ जांच के क्रम में उसके पाॅकेट में रखे पैसे व अन्य चीजें तो मिली पर उसका मोबाइल नहीं मिला. पुलिस मृतक के मोबाइल का लोकेशन की जांच कर रही है. साथ ही मोबाइल का सीडीआर भी जांच किया जा रहा है. अनुमान है कि मृतक के मोबाइल से ही हत्या का राज खुल सकता है.
समाहरणालय परिसर की सुरक्षा पर उठा सवाल
मुंशी की हत्या के बाद उक्त क्षेत्र की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस परिसर में जिले के न्यायाधीशों के अलावा न्यायालय कर्मियों, प्रशासनिक पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी भी रहते हैं. परिसर के चारों ओर खुला क्षेत्र है तथा जंगल भी है. वहीं लोगों का कहना था कि जब उक्त क्षेत्र सुरक्षित नहीं है तो बाकी क्षेत्रों के संबंध में क्या कहा जा सकता है.

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