फिलहाल डेढ़ हजार जीपीएम पंप से पानी निकाला जा रहा है. इस दौरान उरीमारी, बिरसा, न्यू बिरसा व भूमिगत से सौंदा बी साइडिंग व पतरातू रेलवे साइडिंग के बीच कोयले की ढुलाई पूरी तरह से ठप पड़ गयी. इधर, राकोमसं के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव के नेतृत्व में बुधवार को प्रस्तावित चक्का जाम को लेकर उरीमारी, सौंदा डी, सयाल, सौंदा बी साइडिंग में जनसंपर्क चलाया गया. कहा गया कि प्रबंधन खदान हादसे में पूरी तरह दोषी है. बुधवार को शांतिपूर्वक चक्का जाम आंदोलन किया जायेगा. दौरे में महादेव बेसरा, सीताराम किस्कू, कानू मांझी, दिलीप कुमार, जीआर भगत, विश्वनाथ मांझी शामिल थे. इधर, जेवीएम के प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप महतो ने भी चक्का जाम को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है. इधर, बीसीकेयू के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन कार्य में कोताही बरत रही है. सीएमडी के निर्देश के बावजूद अभी तक सही-सलामत दो मोटर पंप भी प्रबंधन जुगाड़ नहीं कर पा रहा है. दूसरे क्षेत्रों से ब्रेक डाउन मोटर पंप को यहां भेज दिया जा रहा है. यूसीडब्ल्यूयू के महासचिव लखनलाल महतो भी मंगलवार को खदान पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. श्री महतो के साथ विंध्याचल बेदिया, जेपीएन सिन्हा भी थे.
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विरोध: रेस्क्यू कार्य में कोताही बरतने का आरोप लगाया, आजसू ने किया रोड जाम
उरीमारी: आजसू व एजेकेएसएस ने 10 नंबर भूमिगत खदान में रेस्क्यू कार्य में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए सयाल पोस्ट ऑफिस कॉलोनी के पास कोयला डिस्पैच पूरी तरह से ठप कर दिया. एजेकेएसएस के केंद्रीय महासचिव सतीश सिन्हा ने कहा कि हादसे के सात दिन बीत गये हैं. प्रबंधन मजदूरों को बाहर निकालने के […]
उरीमारी: आजसू व एजेकेएसएस ने 10 नंबर भूमिगत खदान में रेस्क्यू कार्य में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए सयाल पोस्ट ऑफिस कॉलोनी के पास कोयला डिस्पैच पूरी तरह से ठप कर दिया. एजेकेएसएस के केंद्रीय महासचिव सतीश सिन्हा ने कहा कि हादसे के सात दिन बीत गये हैं. प्रबंधन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए गंभीर नहीं है. सात दिनों में पानी निकासी के लिए मोटर पंप तक जुगाड़ नहीं कर पायी है. शाम साढ़े चार बजे महाप्रबंधक प्रकाश चंदा के आश्वासन व एसओपी एसके सिंह से वार्ता के बाद जाम को यह कहते हुए हटा लिया गया कि मंगलवार रात से ढाई हजार जीपीएम पंप से पानी निकासी शुरू कर दी जायेगी.
फिलहाल डेढ़ हजार जीपीएम पंप से पानी निकाला जा रहा है. इस दौरान उरीमारी, बिरसा, न्यू बिरसा व भूमिगत से सौंदा बी साइडिंग व पतरातू रेलवे साइडिंग के बीच कोयले की ढुलाई पूरी तरह से ठप पड़ गयी. इधर, राकोमसं के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव के नेतृत्व में बुधवार को प्रस्तावित चक्का जाम को लेकर उरीमारी, सौंदा डी, सयाल, सौंदा बी साइडिंग में जनसंपर्क चलाया गया. कहा गया कि प्रबंधन खदान हादसे में पूरी तरह दोषी है. बुधवार को शांतिपूर्वक चक्का जाम आंदोलन किया जायेगा. दौरे में महादेव बेसरा, सीताराम किस्कू, कानू मांझी, दिलीप कुमार, जीआर भगत, विश्वनाथ मांझी शामिल थे. इधर, जेवीएम के प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप महतो ने भी चक्का जाम को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है. इधर, बीसीकेयू के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन कार्य में कोताही बरत रही है. सीएमडी के निर्देश के बावजूद अभी तक सही-सलामत दो मोटर पंप भी प्रबंधन जुगाड़ नहीं कर पा रहा है. दूसरे क्षेत्रों से ब्रेक डाउन मोटर पंप को यहां भेज दिया जा रहा है. यूसीडब्ल्यूयू के महासचिव लखनलाल महतो भी मंगलवार को खदान पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. श्री महतो के साथ विंध्याचल बेदिया, जेपीएन सिन्हा भी थे.
जेबीसीसीआइ के सदस्य खदान के अंदर गये : जेबीसीसीआइ सदस्य और ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव डीडी रामानंदन ने खदान के अंदर जाकर राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. अधिकारियों को इसमें और तेजी लाने का निर्देश दिया. उनके साथ सीसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्य पीडी सिंह, अरुण कुमार सिंह, बासुदेव साव, बैजनाथ राय, नरेश सिंह, संजय कुमार, गोपाल यादव, अर्जुन सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह भी थे.
सांसद प्रतिनिधि ने किया दौरा : हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि नारायण चंद्र भौमिक ने 10 नंबर भूमिगत खदान पहुंच कर अधिकारियों से रेस्क्यू की प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने सीएमडी गोपाल सिंह से बात कर और अतिरिक्त पंप देने की मांग की. श्री भौमिक ने कहा कि मंत्री जयंत सिन्हा लगातार इस मामले पर नजर बनाये हुए हैं. कोयला मंत्रालय से भी रेस्क्यू में मदद के लिए कहा गया है. उनके साथ अशोक शर्मा, सुखदेव प्रसाद, रवि गिरि भी थे.
प्रबंधन ने कहा : कोशिश जारी है
प्रबंधन ने मंगलवार को बताया कि 11 लेवल से पांच सौ के अलावा हजार जीपीएम का पंप चालू हो गया है. इसके कारण अब डीप की ओर पानी का बहाव कम हो गया है. इससे राहत कार्य में आसानी होगी. दूसरी ओर, 19 लेवल में लगाये गये खराब मोटर पंप को ऊपर मंगा लिया गया है. इसके स्थान पर उरीमारी से उच्च क्षमता का मोटर पंप भेज दिया गया है. रात से यह चालू हो जायेगा. बताया गया कि इसीएल से हजार जीपीएम का पंप देर रात पहुंच जायेगा. बीसीसीएल से हजार जीपीएम के आये पंप को तकनीकी गड़बड़ी के कारण वापस कर दिया गया है. स्टैंडबाइ में रजरप्पा से हजार जीपीएम का पंप मंगाया जा रहा है. अब पंप-मोटर की कोई कमी नहीं है. मंगलवार देर रात से मलबा हटाने समेत पानी निकासी में तेजी आ जायेगी. बताया गया कि प्रबंधन समरसेबुल से डीप बोरिंग करने के लिए सर्वे करा रही है, ताकि ऊपर से भी पानी निकाला जा सके. हालांकि प्रबंधन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. इधर, मंगलवार को सातवें दिन भी अशोक व प्रवेश के परिजन खदान पर बैठे रहे. परिजन व साथी कामगार बेहद चिंतित दिखे. बार-बार प्रबंधन के ऊपर सुस्ती बरतने का आरोप लगा रहे थे.
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