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फरजी एसटी प्रमाण पत्र पर पायी थी शिक्षक की नौकरी
खुलासा. वर्ष 2004 में शिक्षक पद पर सुरेश सिंह की हुई नियुक्ति शेखर सिंह मेदिनीनगर : लेस्लीगंज के ग्राम नावाडीह निवासी सुरेश सिंह का वर्ष 2004 में शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई थी. सुरेश सिंह वर्तमान में सहायक शिक्षक के रूप में उत्क्रमित मध्य विद्यालय चनैगीर लेस्लीगंज में पदस्थापित है. झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा […]
खुलासा. वर्ष 2004 में शिक्षक पद पर सुरेश सिंह की हुई नियुक्ति
शेखर सिंह
मेदिनीनगर : लेस्लीगंज के ग्राम नावाडीह निवासी सुरेश सिंह का वर्ष 2004 में शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई थी. सुरेश सिंह वर्तमान में सहायक शिक्षक के रूप में उत्क्रमित मध्य विद्यालय चनैगीर लेस्लीगंज में पदस्थापित है. झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशन परीक्षाफल के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति की गयी है. सामान्य कोटि से आते हैं.
उन्होंने शिक्षक बनने के लिए अनुसूचित जन जाति के प्रमाण पत्र का लाभ उठाया है. फरजी जाति प्रमाण पत्र पर शिक्षक के रूप में 12 वर्ष तक वेतन उठाया है. डीएसइ अरविंद कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बरखास्त करने के लिए डीसी को फाइल भेजा है. डीसी अमित कुमार ने शिक्षक सुरेश सिंह से 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन इस दिशा में उक्त शिक्षक ने स्पष्टीकरण नहीं दिया. डीएसइ श्री कुमार ने जाति प्रमाण पत्र की सत्यापन के लिए 4-10-2016 को लेस्लीगंज अंचलाधिकारी को भेजा है. तीन माह बीत जाने के बाद भी लेस्लीगंज अंचल द्वारा जाति प्रमाण पत्र सत्यापन कर रिपोर्ट डीएसइ कार्यालय को नहीं भेजा.
नियुक्ति के समय बीडीओ लेस्लीगंज द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र संख्या 1532 दिनांक 03-01-1991 के आधार पर सुरेश सिंह को अनुसूचित जन जाति कोटि में शिक्षक पद पर नियुक्त की गयी है.
विभाग के मिलीभगत से एसटी कोटि में शिक्षक पद पर नियुक्त सुरेश सिंह को पदस्थापन सामान्य कोटि में कर दिया गया है. डीएसइ द्वारा रिपोर्ट में कहा कि शिक्षक काउंसेलिंग में सुरेश सिंह द्वारा एसटी बताया गया है. नियुक्ति के लिए दिये गये आवेदन में एसटी कोटि अंकित है. सुरेश सिंह का नियुक्ति पत्र अनारक्षित कोटि में है. सेवा पुस्तिका में आरक्षित कोटि दर्ज नहीं है. नियुक्ति के समय आवेदन में सुरेश सिंह का उम्र 42 वर्ष पांच माह, पांच दिन था. जो सामान्य कोटि के अभ्यर्थी के लिए मान्य नहीं होता है. मामले का खुलासा मुख्यमंत्री जन संवाद में किये गये आवदेन के बाद हुआ, जिसके आलोक में जांच शुरू हुई, तो सबकुछ स्पष्ट हो गया. सुरेश सिंह सामान्य कोटि से आते हैं.
शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं कराया गया
वर्ष 2004 में शिक्षकों की नियुक्ति का मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं कराया गया है. 418 शिक्षकों की बहाली हुई है. सूत्रों के अनुसार 2004 की शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने में गड़बड़ी की गयी है. सुरेश सिंह जैसे कई शिक्षक इस तरह के जाति प्रमाण पत्र पर शिक्षक के पद पर बहाल हुए हैं.
फरजी तरीके से शिक्षक पद पर बहाली हुई है : डीएसइ
पलामू डीएसइ अरविंद कुमार ने कहा कि लेस्लीगंज के चनैगीर विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक सुरेश सिंह की बहाली अवैध व फरजी है. वह सरकार व विभाग को धोखा देकर एसटी प्रमाण पत्र पर लाभ उठाया है. इस मामले में वरीय अधिकारी के निर्देश के आलोक में कार्रवाई की जायेगी. सुरेश सिंह की बरखास्ती के लिए डीसी को फाइल भेजा गया है.
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