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अवैध वसूली रोकने के लिए एसपी को पत्र लिखेंगे
मेदिनीनगर : पार्किंग के नाम पर डिजनीलैंड मेला प्रबंधन द्वारा अवैध वसूली की जा रही है. इसकी पुष्टि मेदिनीनगर नगर पर्षद ने की है. मेदिनीनगर नगर पर्षद ने यह निर्णय लिया है कि इस अवैध वसूली पर रोक लगे. इसके लिए पलामू पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर आग्रह किया जायेगा, ताकि इस अवैध वसूली […]
मेदिनीनगर : पार्किंग के नाम पर डिजनीलैंड मेला प्रबंधन द्वारा अवैध वसूली की जा रही है. इसकी पुष्टि मेदिनीनगर नगर पर्षद ने की है. मेदिनीनगर नगर पर्षद ने यह निर्णय लिया है कि इस अवैध वसूली पर रोक लगे.
इसके लिए पलामू पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर आग्रह किया जायेगा, ताकि इस अवैध वसूली पर रोक लगे. क्योंकि डिजनीलैंड मेला लगाने के लिए एसडीओ ने जो अनुमति पत्र जारी किया है, उसमें यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मेला प्रबंधन द्वारा पार्किंग की व्यवस्था इस रूप में की जाये, ताकि उसका आवागमन पर कोई प्रभाव न पड़े. लेकिन पार्किंग के नाम पर मेला प्रबंधन द्वारा लोगों से शुल्क लिया जाये, इसका कोई उल्लेख नहीं है. इसके बाद भी मेला प्रबंधन द्वारा अवैध वसूली की जा रही है.
मेला आठ अगस्त से शुरू हुआ है, जो कि 25 सितंबर तक चलेगा. इस बीच मेला के 15 दिन बीत जाने के बाद मेदिनीनगर नगर पर्षद द्वारा पार्किंग की बंदोबस्ती के लिए इश्तहार निकाला गया था, जिसके अनुसार 23 व 26 अगस्त को बंदोबस्ती होनी थी. लेकिन दोनों तिथि को कोई भी प्रतिभागी नहीं पहुंचा. कारण यह बताया जा रहा है कि बंदोबस्ती के लिए नगर पर्षद ने जो राशि निर्धारित की है, वह 25 हजार है. लोगों का कहना है कि मेला का जो मुख्य समय था, जिसमें भीड़भाड़ अधिक रहती थी, वह निकल चुका है.
ऐसे में 25 हजार रुपये देकर पार्किंग का बंदोबस्ती कराना घाटे का सौदा है. नगर पर्षद ने तय किया है कि अब बंदोबस्त की राशि घटा कर 15 हजार की जायेगी. इसके बाद बंदोबस्ती की तिथि निर्धारित की जायेगी. तब तक पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली न हो, इसके लिए एसपी को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि मेला में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली का मामला प्रभात खबर ने 24 अगस्त के अंक में प्रमुखता के साथ उठाया था.
जिम्मेवार कौन
डिजनीलैंड मेला प्रबंधन आखिर किसके सह पर बिना अनुमति के ही पार्किंग के नाम पर राशि वसूल रही है. न तो पार्किंग की बंदोबस्ती हुई है और न ही मेला प्रबंधन द्वारा नगर पर्षद को सफाई कर या अन्य दूसरा कर दिया गया है. फिर भी मेला लगा है, पार्किंग के नाम पर वसूली जारी है.
नगर पर्षद 15 दिन की चुप्पी के बाद सक्रियता दिखा रही है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि मेला प्रबंधन गलत कर रही है, तो इस पर रोक लगाने या बंदोबस्ती के लिए जो प्रयास हो रहा है, वह पहले क्यों नहीं किया गया.
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