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मामले को उलझा रही है पुलिस
मेदिनीनगर : भाकपा माले ने लेस्लीगंज में जमीन विवाद मामले की जांच की. इसका नेतृत्व प्रखंड कमेटी के सचिव कमेश सिंह चेरो कर रहे थे. जांच दल के लोगों ने मोहम्मद असलम व मोहम्मद अब्दुला के मामले की तहकीकात की. जांच के क्रम में पाया कि मोहम्मद अब्दुला सहित चार भाइयों की पुश्तैनी जमीन खाता […]
मेदिनीनगर : भाकपा माले ने लेस्लीगंज में जमीन विवाद मामले की जांच की. इसका नेतृत्व प्रखंड कमेटी के सचिव कमेश सिंह चेरो कर रहे थे. जांच दल के लोगों ने मोहम्मद असलम व मोहम्मद अब्दुला के मामले की तहकीकात की. जांच के क्रम में पाया कि मोहम्मद अब्दुला सहित चार भाइयों की पुश्तैनी जमीन खाता नंबर 63, प्लॉट 219 व 220 में करीब साढ़े सात डिसमिल है.
इसके बंटवारे को लेकर कई बार आसपास के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ बैठक हुई थी. अंजुमन संस्था व भाकपा माले की स्थानीय कमेटी द्वारा भी मामले को निबटाने का प्रयास किया गया था. बैठक में जो फैसला हुआ था, उससे दोनो पक्ष के लोग सहमत थे. अंजुमन का अंतिम निर्णय 13अगस्त 2014 को हुआ था. अंजुमन के फैसले के मुताबिक मोहम्मद अब्दुल्ला को जमीन पर मकान बनाने की अनुमति मिली थी.
26 फरवरी 2016 को मोहम्मद अब्दुल्लाह मजदूरों से काम करा रहे थे. घटना के दिन मोहम्मद असलम ने मोहम्मद अब्दुला पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया, लेकिन पुलिस ने अब्दुल्ला को ही झूठे मुकदमे में फंसा दिया. माले के जांच दल के सदस्यों का कहना है कि इस पारिवारिक विवाद को सुलझाने के बजाये पुलिस उलझा रही है. माले के लोगों ने मोहम्मद अब्दुल्ला पर लगाये गये झूठे मुकदमे की वापस लेने की मांग की है. जांच टीम में युगल सिंह,भोलानाथ साव, लालो मांझी आदि शामिल थे.
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