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नदी को प्रदूषित कर रहा है नगर पर्षद

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर का लाइफ लाईन कोयल नदी का अस्तित्व खतरे में है़ सफाई के नाम पर मेदिनीनगर नगर पर्षद द्वारा शहर से जो कूड़ा-कचरा उठाया जाता है. उसे कोयल नदी में ही डंप कर दिया जा रहा है, इससे नदी का भाग भी अतिक्रमित हो रहा है, साथ ही कई जगह से निकलने वाली […]

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर का लाइफ लाईन कोयल नदी का अस्तित्व खतरे में है़ सफाई के नाम पर मेदिनीनगर नगर पर्षद द्वारा शहर से जो कूड़ा-कचरा उठाया जाता है. उसे कोयल नदी में ही डंप कर दिया जा रहा है, इससे नदी का भाग भी अतिक्रमित हो रहा है, साथ ही कई जगह से निकलने वाली नालियां भी सीधे कोयल नदी में ही गिर रही है़ इससे नदी का जल भी लगातार प्रदूषित हो रहा है़ लोगों को कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो निश्चित तौर पर कोयल नदी का अस्तित्व संकट में पड़ जायेगा़ इस पर रोक लगे, इसके लिए अभी तक कोई पहल नहीं की जा रही है़
कोयल नदी साफ रहे, इसके लिए सांसद वीडी राम ने भी पहल की है, लेकिन सफाई के साथ जरूरी यह भी है कि पहले उस कार्य पर भी रोक लगे, जिससे नदी में गंदगी फैल रही है़ यह कार्य कोई माह दो माह से नहीं, बल्कि पिछले कई वर्षों से हो रहा है़
सर्वेक्षण में भी उभरे हैं कई तथ्य
स्वयंसेवी संगठन सेसा ने कोयल नदी का सर्वेक्षण किया था, सर्वेक्षण के बाद संस्था ने जो रिपोर्ट जारी किया है, उसमें यह कहा गया है कि चित्रगुप्त मंदिर से लेकर दुर्गाबाड़ी तक कोयल नदी के तलहटी में प्लास्टिक व अन्य कचरे काफी मात्रा में पाये गये है़
नगर पर्षद द्वारा मेदिनीनगर एवं शाहपुर दोनों तरफ पुल के नीचे व हमीदगंज सूर्य मंदिर के नीचे लगभग 500 मीटर तक शहर से जमा किये गये कूड़ा-कचरा को डाला जाता है, नदी के लगभग संपूर्ण किनारों पर घरेलू एवं सार्वजनिक कूड़ों का अंबार लगा रहता है़ कोयल नदी में मेदिनीनगर के बाहर क्षेत्र में बहने वाली बहुत सारी नाली, जिसमें पंपु कल, राईन मुहल्ला, कुंजडा मुहल्ला, चित्रगुप्त मंदिर, टाउन हॉल, दुर्गाबाड़ी के पीछे आदि स्थानों पर मिलती है़
क्या हो रहा है संकट
सर्वेक्षण में संकट की भी चर्चा की गयी है, बताया गया है कि प्लास्टिक का कचरा नष्ट नहीं होता, उसी स्थान पर जमा रहता है, या बहकर आगे की तरफ चला जाता है़ जबकि अपघटित होने वाले कचरे पानी के अंदर अपघटित होने पर कई रसायनिक अवशेष पैदा करते हैं, जो नदी के जल को प्रदूषित करते हैं, यह मनुष्य के साथ-साथ अन्य जलीय जीव व पौधे के लिए भी हानिकारक होते है़
इसके अलावा नदी से मिलनेवाली विभिन्न नालियों से घर का गंदा पानी, मल-मूत्र, रसायनिक पदार्थ, अस्पताल से निकलने वाले अवशेष व नगर पर्षद द्वारा इकट्ठा किये गये कूड़ा-कचरा बिना किसी उपचार सीधे नदी में फेंक दिये जाते हैं, इससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है़
क्या कहते हैं नप उपाध्यक्ष
नगर पर्षद उपाध्यक्ष परमेंद्र कुमार का कहना है कि कोयल नदी स्वच्छ रहे, इसके प्रति नगर पर्षद गंभीर है, कचरा ठोस प्रबंधन के लिए जगह की तलाश की जा रही है़ बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा, कोयल नदी स्वच्छ रहे, यह नगर पर्षद के साथ-साथ आमलोगों की भी जिम्मेवारी है़
क्या कहते हैं सेसा के सचिव
कोयल नदी का सर्वेक्षण करनेवाली संगठन सेसा के महासचिव कौशिक मल्लिक का कहना है कि यदि कोयल नदी को स्वच्छ व प्रदूषणमुक्त रखना है तो सबसे पहले नगर पर्षद द्वारा पूरे कोयल नदी के अंदर एवं इसके आसपास अवस्थित कचरे को अविलंब हटाये, ताकि इसकी स्वच्छता बरकरार रहे़
कोयल नदी एक परिचय
उतरी कोयल नदी झारखंड की एक महत्वपूर्ण नदी है, यह नेतरहाट के पठार से निकलकर गारू, केचकी, मेदिनीनगर, रेहला होते हुए सोन नदी में मिल जाती है़ सोन नदी आगे चलकर गंगा नदी में मिल जाती है़ उतर कोयल नदी को गंगा की एक सहायक नदी के रूप में भी देखा जाता है़

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