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पंचायत चुनाव में सरकारी योजनाओं पर पाबंदी नहीं

पंचायत चुनाव में सरकारी योजनाओं पर पाबंदी नहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी जानकारी जिले के सभी उपायुक्तों को दीस्थानीय स्तर पर पंचायतों की ओर से क्रियान्वित की जानेवाली योजनाओं पर ही सिर्फ रोकविशेष संवाददातारांची : पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन पर पाबंदी नहीं है. पंचायत चुनाव के दौरान […]

पंचायत चुनाव में सरकारी योजनाओं पर पाबंदी नहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी जानकारी जिले के सभी उपायुक्तों को दीस्थानीय स्तर पर पंचायतों की ओर से क्रियान्वित की जानेवाली योजनाओं पर ही सिर्फ रोकविशेष संवाददातारांची : पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन पर पाबंदी नहीं है. पंचायत चुनाव के दौरान सिर्फ स्थानीय स्तर पर पंचायतों द्वारा क्रियान्वित की जानेवाली योजनाओं पर ही पाबंदी रहेगी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इसकी जानकारी जिले के सभी उपायुक्तों को दे दी गयी है.राज्य में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद विभिन्न विभागों ने योजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. इससे राज्य में विकास की गति धीमी हो गयी थी. इस स्थिति को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव राजीव गौबा ने आयोग को पत्र लिख कर स्थिति की जानकारी दी थी. आयोग से यह जानना भी चाहा था कि पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद योजनाएं क्रियान्वित की जा सकती हैं या नहीं. मुख्य सचिव के पत्र के आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राजेश कुमार पाठक ने सरकार को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा संचालित की जानेवाली योजनाएं नयी या चालू योजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक नहीं है. आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान सिर्फ वैसी योजनाओं पर पाबंदी है, जिनका क्रियान्वयन पंचायतों द्वारा किया जाता है. किसी चालू योजना के क्रियान्वयन में किसी तरह का समारोह नहीं आयोजित किया जायेगा. योजनाओं का क्रियान्वयन संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा सामान्य रूप से किया जायेगा. आयोग ने यह भी कहा है कि अगर सरकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अधीन किसी योजना को स्वीकृति देती है, तो उसकी सूचना प्रकाशित नहीं की जायेगी. इसके अलावा राज्य में विकास से संबंधित कार्यकलापों की प्रगति को दर्शाते हुए किसी प्रकार के विज्ञापन प्रकाशित नहीं किये जायेंगे. इसके अलावा रेडियो या टीवी के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया जायेगा. आयोग ने राज्य के अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रमुख, उप प्रमुख, मुखिया चुनाव में लाभ लेने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करें. नयी पंचायतों के गठन तक पंचायत की किसी बैठक में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित किसी तरह का प्रस्ताव न तो पेश किया जायेगा, न ही पारित किया जायेगा. आचार संहिता की अवधि में पंचायतों के लिए किसी तरह के खर्च की स्वीकृति नहीं दी जायेगी. आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करनेवालों पर नियमानुसार कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है.

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