बालिका से वधु बनने तक सरकार साथ बुढ़ापे के लिए पेंशन भीलड़कियों-महिलाअों के लिए सरकारी योजनाएंवरीय संवाददाता , रांचीकिसी लड़की के जन्म पर परिवार में मातम बनाने का मानस अब नहीं रहा. शिक्षा, समझ व जागरूकता के साथ-साथ सरकारी कानूनों की इसमें अहम भूमिका रही है, पर बालिका व महिला सशक्तीकरण में इससे बड़ा रोल अब सरकारी योजनाएं निभा रही हैं. परिवार को लड़कियां बोझ न लगे तथा उन्हें भी पढ़ने-लिखने तथा विकसित होने का पर्याप्त अवसर मिले, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रयत्नशील है. झारखंड में सरकारी सहायता की शुरुआत लड़की के जन्म से ही हो जाती है. बगैर यह भेदभाव किये कि जन्म बच्चे का होगा या बच्ची का, गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव के लिए प्रयास किये जाते हैं. संस्थागत प्रसव के लिए उसे अस्पताल ले जाने के वास्ते ममता वाहन की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है. यानी ऐसी गाड़ी, जो गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने तथा प्रसव के बाद उसे वापस घर लाने का काम मुफ्त करती है. जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए जननी तथा शिशु सुरक्षा का कार्यक्रम चलाया जाता है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में महिला को प्रसव बाद 1400 रुपये तथा अधिसूचित शहरी क्षेत्र में एक हजार रुपये की सहायता दी जाती है. बच्ची (या बच्चा भी) कुपोषित हो, तो इसके लिए कुपोषण उपचार केंद्र संचालित हैं, जहां बच्ची (या बच्चा) अपनी माता के साथ 15 दिनों तक रह कर तथा पौष्टिक आहार व दवा के सहारे स्वस्थ होती है. इस दौरान बच्ची की माता को हर रोज सौ रुपये दिये जाते हैं. इधर, 72 हजार रुपये सालाना आय वाले परिवार में जन्मी पहली या दूसरी बच्ची के पैदा होते ही उसे मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ दिया जाता है. इसके तहत सरकार बच्ची के नाम पर डाकघर में प्रति वर्ष पांच हजार रु के हिसाब से पांच वर्ष तक कुल 30 हजार रु जमा करती है. इसके ब्याज से बच्ची के छठी कक्षा में पहुंचने पर दो हजार रु, नौंवी कक्षा में पहुंचने पर चार हजार रु, तथा 11वीं में 7500 रु मिलते हैं. वहीं 11 वीं तथा 12वीं कक्षा में उसे हर माह दो सौ रु छात्रवृत्ति भी दी जाती है. इधर पढ़ने-लिखने लायक होने पर बच्ची अपने आसपास के सरकारी स्कूल में नि:शुल्क पढ़ाई कर सकती है. किसी बच्ची की पढ़ाई यदि छूट गयी हो, तो उसे फिर से नामांकन लेकर पढ़ने के लिए राज्य भर में 203 कस्तुरबा बालिका विद्यालय संचालित हैं. यहां छठी से 10वीं तक की पढ़ाई छात्रावास में रह कर करने की मुफ्त व्यवस्था है.कल्याण विभाग भी एसी, एसटी व अोबीसी बालिकाअों के लिए अावासीय विद्यालयों का संचालन करता है. यहां भी रहने, खाने तथा पढ़ने की नि:शुल्क व्यवस्था है. बालिकाअों को स्कूल की पोशाक, किताबें, जूते-मोजे तथा स्वेटर तक मुफ्त दिये जाते हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता सहित कल्याण विभाग लड़कियों को छात्रवृत्ति देता है. गैर आवासीय विद्यालय की बालिकाअों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल भी मुफ्त दी जाती है. स्कूल के बाद इंटर तथा पीजी तक उच्च शिक्षा भी लड़कियों को नि:शुल्क दी जाती है. सरकारी विश्वविद्यालयों में इन्हें शिक्षण शुल्क नहीं देना पड़ता. अाइटीआइ, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में भी लड़कियों का शिक्षण शुल्क माफ कर दिया गया है. शादी की उम्र (21 वर्ष) होने पर सरकार लक्ष्मी लाडली योजना के तहत किसी बालिका के नाम से जमा करीब 1.16 लाख रु का एकमुश्त भुगतान करती है. यह रकम लड़की की शादी में बड़े काम अाती है. गरीब लड़कियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना भी संचालित है. वर्ष 2007 में इसकी शुरुआत की गयी थी. इसके तहत कम से कम 18 वर्ष में होने वाली लड़की की शादी पर सरकार 15 हजार रु की आर्थिक सहायता देती है. गरीब परिवार की महिलाअों को वृद्ध या दुर्भाग्य से विधवा होने पर वृद्धा तथा विधवा पेंशन भी देय है. इन सबसे बढ़ कर योग्य परिवार की किशोरी या महिला को अब आजीवन खाद्य सुरक्षा का लाभ भी दिया जाना है. वहीं सालाना 72 हजार रु अाय वाले परिवार की महिलाअों (पुरुषों सहित) को आजीवन चिकित्सा व दवा भी मुफ्त देने का प्रावधान है. लाडली के लिए योजनाएंजन्म से पहले व बाद – ममता वाहन तथा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (लाभुक कौन – सभी)- मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के तहत 30 हजार रु का निवेश (लाभुक कौन – सालाना 72 हजार रु आय वाला परिवार)पढ़ने-लिखने के लिए- कस्तुरबा बालिका विद्यालय में छठी से दसवीं तक मुफ्त आवासीय शिक्षा (लाभुक कौन – सभी वर्ग की बालिकाएं)- कल्याण के अावासीय विद्यालयों सहित सरकारी विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा (लाभुक कौन – एससी, एसटी व अोबीसी बालिका)- पोशाक, किताबें, जूते-मोजे तथा साइकिल मुफ्त मिलती है (लाभुक कौन- सभी)- उच्च व तकनीकी शिक्षा में शिक्षण शुल्क माफ (लाभुक कौन – सभी)विवाह के लिए- मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना के तहत 1.16 लाख रु मिलते हैं (लाभुक कौन : सालाना 72 हजार रु आय वाला परिवार)- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बच्ची के परिवार को 15 हजार रु की सहायता (लाभुक कौन : बीपीएल परिवार)महिला के बुढ़ापे या विधवा होने पर – वृद्धा तथा विधवा पेंशन (लाभुक कौन – बीपीएल परिवार) आजीवन भोजन व चिकित्सा के लिए – हर महीने पांच किलो अनाज सस्ते दरों पर (लाभुक कौन – खाद्य आपूर्ति विभाग की शर्तों के अनुरूप योग्य परिवार)- सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच व दवा की सुविधा (लाभुक कौन- 72 हजार रु सालाना आय वाले परिवार)
BREAKING NEWS
बालिका से वधु बनने तक सरकार साथ
बालिका से वधु बनने तक सरकार साथ बुढ़ापे के लिए पेंशन भीलड़कियों-महिलाअों के लिए सरकारी योजनाएंवरीय संवाददाता , रांचीकिसी लड़की के जन्म पर परिवार में मातम बनाने का मानस अब नहीं रहा. शिक्षा, समझ व जागरूकता के साथ-साथ सरकारी कानूनों की इसमें अहम भूमिका रही है, पर बालिका व महिला सशक्तीकरण में इससे बड़ा रोल […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement