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उग्रवादमुक्त बनेगा पलामू प्रमंडल

मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल उग्रवाद मुक्त बने, इसके लिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ लगी है. सतबरवा के बकोरिया में पुलिस को जो सफलता मिली है, उससे इस अभियान को बल मिला है. इस अभियान में लगे पदाधिकारी व जवानों का मनोबल बढ़ा है. राज्य के डीजीपी डीके पांडेय ने मंगलवार को कोयल भवन में […]

मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल उग्रवाद मुक्त बने, इसके लिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ लगी है. सतबरवा के बकोरिया में पुलिस को जो सफलता मिली है, उससे इस अभियान को बल मिला है. इस अभियान में लगे पदाधिकारी व जवानों का मनोबल बढ़ा है. राज्य के डीजीपी डीके पांडेय ने मंगलवार को कोयल भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि माओवादी यह नहीं चाहते कि इलाके में विकास का माहौल तैयार हो, इसलिए उनलोगों के द्वारा यह निरंतर प्रयास किया जाता है कि किसी तरह विकास के माहौल को प्रभावित किया जाये.
कुमंडी में पुलिस पिकेट की स्थापना हुई है, ताकि आसपास के इलाके में शांति का वातावरण कायम हो. लेकिन माओवादी यह नहीं चाहते थे कि पिकेट शुरू हो. इसलिए 10 जून को उदघाटन के निर्धारित तिथि के पूर्व वह कोई घटना को अंजाम देना चाहते थे, इसके लिए आरके का दस्ता रेकी कर रहा था.
इसकी सूचना स्पेशल ब्रांच के एडीजी को मिली थी, जिसके बाद नक्सलियों के खिलाफ रणनीति तैयार की गयी थी, उसके अनुरूप कार्रवाई की गयी.
इलाके के लिए आतंक था आरके जी : मुठभेड़ में मारा गया एरिया कमांडर आरके जी उर्फ अनुराग जी उर्फ ब्रजेश उर्फ डाक्टर जी इलाके के लिए आतंक बना था. डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि केंदू पत्ता के दिनों में व्यवसायियों के ट्रक को जलाना, लेवी वसूलना, अपहरण करना आरके जी का धंधा था. वह इलाके में काफी आतंक फैला चुका था. काफी दिनों से उसे पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास कर रही थी.
बम प्लांट करता था : वर्ष 2013 में लातेहार के कटिया जंगल में पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद उनके पेट में बम प्लांट किया गया था. इस तरह की यह पहली घटना थी. इस घटना का सूत्रधार आरके उर्फ डॉक्टर उर्फ ब्रजेश जी उर्फ अनुराग जी ही था. संगठन में उसे डॉक्टर जी के नाम से जाना जाता था. कटिया जंगल की घटना को अंजाम देने में उसने मुख्य भूमिका निभायी थी.
डीजीपी श्री पांडेय ने कहा कि इलाके को उग्रवाद मुक्त और शांति का वातावरण कायम करने के लिए पुलिस पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है. विकास कार्यो में किसी प्रकार की कोई बाधा न आये, इसके लिए भी पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है.
नकुल यादव से थे बेहतर संबंध : माओवादी कमांडर नकुल यादव से आरके जी उर्फ ब्रजेश जी उर्फ अनुराग जी के बेहतर संबंध थे. बताया जाता है कि नकुल के इशारे पर ही वह काम करता था. नकुल यादव के दस्ता द्वारा स्कूली बच्चों को भी उठा कर ले जाया गया था और दस्ते में रखा गया था. कहा जा रहा है कि सोमवार की रात बकोरिया में जो मुठभेड़ हुई, उसमें एक दो स्कूली बच्चे के उम्र के लड़के हैं.
इसलिए कहा जा रहा है कि बच्चों को गांव से उठाने के बाद नक्सली उन्हें हथियार दस्ते में भी लेकर चल रहे हैं. इस मामले में डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि पूरे मामले को देखा जा रहा है. सभी शव की शिनाख्त होने के बाद भी पूरी स्थिति स्पष्ट होगी. नकुल यादव,अरविंद यादव आदि बड़े नक्सलियों पर पुलिस की पैनी नजर है.

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