पांडु(पलामू). प्रखंड के मुसीखाप में आयोजित पांच दिवसीय श्रीराम चरित मानस सम्मेलन में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया. सम्मेलन के तीसरे दिन गुरुवार को श्रीश्री 1008 धर्मध्वज जी महाराज ने प्रभु श्री राम व भाई भरत के अटूट प्रेम, त्याग व विश्वास की चर्चा बड़े ही मार्मिक ढंग से की. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम व भरत जी त्याग के मूर्ति हैं. प्रभु श्री राम ने अपने पिता के आदेश का पालन करने के लिए वन गमन किया. वहीं भरत ने अपने भाई के वियोग में राजपाट त्याग दिया. दोनों भाइयों ने समाज में जो आदर्श प्रस्तुत किया है, उसे अपनाने की जरूरत है. तभी रामराज्य की कल्पना पूरी होगी. समाज में जब लोग अपने भाइयों के साथ राम व भरत जैसा व्यवहार करेंगे, तभी समाज में शांति व्यवस्था कायम रहेगी. सम्मेलन में मिरजापुर से पधारे इंद्रेश शास्त्री,जबलपुर से आयी सुश्री किरण भारती व बक्सर के कीर्तन सम्राट उपेंद्र पांडेय आदि ने श्रीराम चरित मानस के तत्वों पर प्रकाश डाला. 21 फरवरी को इसका समापन होगा.
प्रभु श्रीराम के आदर्श को अपनायें
पांडु(पलामू). प्रखंड के मुसीखाप में आयोजित पांच दिवसीय श्रीराम चरित मानस सम्मेलन में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया. सम्मेलन के तीसरे दिन गुरुवार को श्रीश्री 1008 धर्मध्वज जी महाराज ने प्रभु श्री राम व भाई भरत के अटूट प्रेम, त्याग व विश्वास की चर्चा बड़े ही मार्मिक ढंग से की. उन्होंने कहा कि […]
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