पलामू: झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतर्गत पहले चरण के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है. तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने चुनावी दावों और वादों के साथ जनता को लुभाने की कोशिशों में लगी है. इसी बीच जमीन से जुड़ी ऐसी खबर सामने आयी है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी. आईए जानते हैं कि मामला क्या है?
पीने का पानी में है फ्लोराइड की मात्रा
झारखंड में पलामू जिला स्थित चूकरू गांव के स्थानीय लोगों का दावा है कि गांव में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से लोगों में शारीरिक अक्षमता बढ़ रही है. इस गांव के ज्यादातर लोग दिव्यांग हैं. ग्रामीण, राजेश्वर पाल कहते हैं कि दूषित पानी हमारी हड्डियों और दांतों को नुकसान पहुंचा रहा है. अब तक गांव के कई युवा अपनी जान गंवा चुके हैं.
Rajeshwar Pal: We are facing this issue since last 25 years. Nobody in the village is above 50-year-old. I am 69-year-old & I am the oldest person here. Govt suggests us to leave the place but we all are handicapped. How can we survive somewhere else? #Jharkhand https://t.co/tSXCYxRfCF pic.twitter.com/OzkoTaHFF5
— ANI (@ANI) November 27, 2019
दिव्यांगता का सामना कर रहा है गांव
गांव के रहने वाले 69 वर्षीय बुजुर्ग राजेश्वर पाल कहते हैं कि हम बीते 25 सालों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे गांव में लोगों की अकाल मृत्यु आम बात हो गयी है. राजेश्वर पाल का कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति 50 साल से ऊपर का नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल मैं ही हूं जिसने 69 साल की जिंदगी पाई है.
राजेश्वर पाल का कहना है कि सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें गांव छोड़ने का सुझाव दिया था लेकिन सभी लोग विकलांग हैं. आखिरकार हम कहां जाएं?