मेदिनीनगर : सदर अस्पताल में व्याप्त कु व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश आरडीडीएच दिवाकर कामत ने सीएस डॉ योगेंद्र महतो को दिया है. 29 अप्रैल को श्री कामत ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में कई खामियां पायी थी. उन्होंने 18 मई को इस संबंध में पत्र प्रेषित कर सीएस को अस्पताल की कु व्यवस्था के निराकरण हेतु कार्रवाई कर सूचित करने को कहा था.
क्या-क्या कमी आयी थी
आरडीडीएच दिवाकर कामत ने अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में अस्पताल परिसर व वार्ड में गंदगी का अंबार पाया था. चारों तरफ मल-मूत्र व कचरा फेंका हुआ था. डिलेवरी रूम में आवश्यक उपस्कर का अभाव था. स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मरीज के परिजन से बाहर की दुकानों से सिरिंज, ग्लब्स, दवा आदि मंगाया जा रहा थे. डिलेवरी टेबुल पर जंग लगा था. लाइट की व्यवस्था नहीं थी. बाथरूम व शौचालय गंदा था. आक्सीजन सिलेंडर नहीं था. वैक्सीन कैरियर के अंदर आइसपैक जमा नहीं था.
कई चिकित्सक अपनी ड्यूटी से गायब थे. इस संबंध में आरडीडीएच ने चिकित्सकों के वेतन को लंबित रखने का भी निर्देश दिया था. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चेंबर की स्थिति कबाड़खाना से भी बदतर थी. स्टाफ द्वारा यह बताया गया कि वार्ड की सफाई हेतु सीएस स्तर से फिनाइल व झाडू की आपूर्ति नहीं करायी जाती है. स्टाफ अपने पैसे से उसकी खरीद करते हैं. मेडिकल वार्ड में आठ बेड थे, किसी पर चादर बिछी नहीं थी.
चार पंखे थे, जिसमें तीन खराब थे. बगल में गंदगी व कचरा था. शौचालय व बाथरूम के गेट पर मल-मूत्र था. 10 दिन से जेनरिक की दवा दुकान बंद थी.एंबुलेंस चालू हालत में नहीं थी. सदर अस्पताल में जरूरत से ज्यादा चिकित्सक प्रतिनियुक्त हैं. इसके कारण सुदूरवर्ती सीएचसी का कार्य प्रभावित हो रहा है.