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नौरोत्तमपुर में मनरेगा में हुए लूट के कई मामले उजागर

वीरगोपालपुर में चयनित लाभुक के नाम का कोई आदमी वीरगोपालपुर में नहीं पाकुड़ : श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म वेल डन अब्बा के ही तर्ज पर पाकुड़ के सदर प्रखंड अंतर्गत नौरोत्तमपुर पंचायत के बनबिक्रमपुर निवासी कौशल्या कांति उर्फ भुआ के जमीन से कुआं की चोरी हुई है. भुआ के जमीन से हुए […]

वीरगोपालपुर में चयनित लाभुक के नाम का कोई आदमी वीरगोपालपुर में नहीं

पाकुड़ : श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म वेल डन अब्बा के ही तर्ज पर पाकुड़ के सदर प्रखंड अंतर्गत नौरोत्तमपुर पंचायत के बनबिक्रमपुर निवासी कौशल्या कांति उर्फ भुआ के जमीन से कुआं की चोरी हुई है. भुआ के जमीन से हुए कुआं चोरी का मामला प्रकाश में आते ही लोगों के बीच उपरोक्त कुआं चोरी पर फिल्माये गये वेल डन अब्बा फिल्म लोगों की याद एक बार फिर ताजा हो गयी. नौरोत्तमपुर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत संचालित योजनाओं में बरती गयी गड़बड़ियों में प्रतिदिन नये खुलासे हो रहे हैं. हालांकि प्रशासन उपरोक्त मामले में अब भी जांच के नाम पर कछुए की चाल चल रही है.
तत्कालीन एसडीओ का प्रयास भी हुआ नाकाम : पाकुड़ के तत्कालीन एसडीओ मुकेश कुमार ने अपने कार्यकाल में पाकुड़ में मनरेगा योजनाओं सहित अन्य योजनाओं में बढ़ते भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर नायाब तरीका अपनाया था. उन्होंने अपने कार्यकाल में जिले के तमाम पदाधिकारियों व कर्मचारियों को भ्रष्टाचार से दूर रहते हुए इमानदारी पूर्वक कार्य करने को लेकर प्रेरित किये जाने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार से संबंधित श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्म वेल डन अब्बा को पाकुड़ के मिनी सुचित्रा टॉकिज सिनेमा हॉल में प्रदर्शन कराया था.
उपरोक्त फिल्म को चलाये जाने को लेकर उस समय काफी खोज हुई थी और बाद में पटना से उसे मंगा कर जिले के तमाम पदाधिकारियों व कर्मचारियों को दिखलाया गया था. उपरोक्त फिल्म में सदर प्रखंड के नौरोत्तमपुर पंचायत अंतर्गत बनबिक्रमपुर गांव निवासी भुआ के जमीन से हुए कुआं के चोरी से संबंधित कहानी ही दर्शायी गयी है. जिसमें निचले टेबल से लेकर ऊपर तक बैठे बाबुओं द्वारा की गयी कागजी हेरा-फेरी और बाद में उसके परिणाम को बताया गया है.
सवाल यह उठता है कि जिस उद्देश्य से तत्कालीन एसडीओ मुकेश कुमार ने उपरोक्त फिल्म को पटना से लाकर विशेष रूप से पाकुड़ के सिनेमाघर में जिले के तमाम पदाधिकारियों, कर्मचारियों खास कर कनीय अभियंताओं को दिखलाया गया था कि फिल्म देखने के बाद जमीर जगेगी और किसी भी योजना में घोटाला या भ्रष्टाचार से बचने का काम करेंगे. परंतु यह प्रयास धरा का धरा ही रह गया और आज उसी फिल्म को जिला मुख्यालय के सदर प्रखंड में दोहराया गया है. क्या अब भी जिला प्रशासन की नींद नहीं खुलेगी. क्या आगे भी इसी तरह भुआ के जमीन से कुएं की चोरी होते रहेगी. यह सवाल आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
रोज मनरेगा लूट के हो रहे हैं खुलासे : पाकुड़ के नौरोत्तमपुर पंचायत में मनरेगा योजना में हुए लूट मामले के रोज नये खुलासे हो रहे हैं. उपरोक्त पंचायत में जन प्रतिनिधि व पदाधिकारियों तथा बिचौलियों की मिलीभगत से व्यापक पैमाने पर योजनाओं में गड़बड़ियां की गयी हैं. उपरोक्त पंचायत में वर्ष 2015-16 में योजना संख्या 26/15-16 के तहत प्लॉट संख्या 97 वीरगोपालपुर गांव में कुआं निर्माण को लेकर योजना की स्वीकृति दी गयी थी.
जिसमें कुल तीन लाख 52 हजार 743 रुपये 74 पैसे की निकासी गयी. उपरोक्त राशि में मेठ के मदद में आठ हजार 910 रुपये, मजदूरी के मद में एक लाख 78 हजार 848 रुपये व मैटेरियल मद में एक लाख 64 हजार 985 रुपये शामिल है. आश्चर्य तो यह है कि उपरोक्त योजना का प्राक्लन तीन लाख 51 हजार 700 तैयार की गयी है. जबकि प्राक्लन से अत्यधिक राशि की निकासी की गयी है. इतना ही नहीं उपरोक्त योजना में सबसे बड़ा हेरा-फेरी यह की गयी है कि वीरगोपालपुर में योजना संख्या 26/15-16 के तहत जिस सकीमुद्दीन के नाम से योजना की स्वीकृति दी गयी है
उस नाम का एक भी आदमी वीरगोपालपुर गांव में नहीं है. उपरोक्त पंचायत के उपमुखिया मो मोताकिम व मनरेगा वाच मुजफ्फर हुसैन ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि उस नाम का आदमी पूरे गांव में नहीं है. उक्त योजना में पदाधिकारियों व बिचौलियों के द्वारा इतना ही हेरा-फेरी नहीं की गयी है. योजना संख्या 26/15-16 के तहत कूप निर्माण को लेकर स्थल का चयन वीरगोपालपुर में तो किया गया परंतु इसका कार्य उसी पंचायत के बनबिक्रमपुर गांव में मैनूल शेख के जमीन पर बना दी गयी है. बहरहाल यह मामला जांच का विषय है और जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
वीरगोपालपुर में कई योजनाओं में हुई गड़बड़ी
नौरोत्तमपुर पंचायत के वीरगोपालपुर गांव में पाकुड़-बरहरवा मुख्य पथ से सटे खेत में बने कुआं बरसात में निर्माण के समय ही धंस गया है. साथ ही उपरोक्त योजना स्थल जलमग्न हो गया है. जानकारों का कहना है कि उपरोक्त योजना में जितना काम किया गया था उससे अत्यधिक राशि कुल 48 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी है. यही हाल वीरगोपालपुर में बनाये गये मोरम के गड्ढे में दो डोभा का है. इसके अलावे हारू के जमीन पर जिस कुआं को बना कर राशि की निकासी की गयी है उस योजना की स्वीकृति न तो वित्तीय वर्ष 2015-16 और न ही 2016-17 में ही की गयी है.
क्या कहते हैं जिप उपाध्यक्ष
जिप उपाध्यक्ष मुकेश कुमार शुक्ला ने कहा कि पाकुड़ सदर प्रखंड में खास कर मनरेगा येाजनाओं में भारी लूट की गयी है. केवल नौरोत्तमपुर पंचायत ही पहला मामला नहीं है.
इसके अलावे जिले भर में संचालित मनरेगा योजनाओं की स्थिति भी अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पर नौरोत्तमपुर में हुए भुआ के जमीन से कुआं की चोरी के अलावे अन्य योजनाओं में जांच कर कार्रवाई करते हुए दोषियों पर एफआइआर दर्ज करने का दवाब बनाया गया है. उपरोक्त सभी मामलों को राज्य के मुखिया रघुवर दास के समक्ष भी रखी गयी है. कहा कि यदि योजना में हुई गड़बड़ी की लीपापोती की जायेगी तो किसी कीमत पर इसे बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
क्या कहते हैं डीडीसी
नौरोत्तमपुर पंचायत में योजनाओं में हुए गड़बड़ी मामले को लेकर जांच टीम गठित की गयी है. उन्होंने कहा कि किसी लाभुक के जमीन से कुआं की चोरी हो जाना बहुत बड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामले का वह खुद जांच करेंगे और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई भी करेंगे.

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