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लचर व्यवस्था की भेंट चढ़ गयी ज्योत्स्ना

साहिबगंज : रेल यात्रियों को हर संभव सुविधा व सुरक्षा देने के मामले में रेलवे पुलिस व स्वास्थ्य विभाग का दावा खोखला साबित हो रहा है. ज्ञात हो कि रेल यात्री ज्योत्स्ना विश्वास (60 वर्षीय) तीन नवंबर को ट्रेन से गिर कर घायल हो गयी थी. जिसे रेल पुलिस ने इलाज के लिये जिला सदर […]

साहिबगंज : रेल यात्रियों को हर संभव सुविधा व सुरक्षा देने के मामले में रेलवे पुलिस व स्वास्थ्य विभाग का दावा खोखला साबित हो रहा है. ज्ञात हो कि रेल यात्री ज्योत्स्ना विश्वास (60 वर्षीय) तीन नवंबर को ट्रेन से गिर कर घायल हो गयी थी. जिसे रेल पुलिस ने इलाज के लिये जिला सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. सदर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा घायल विश्वास का इलाज किया गया. जबकि घायल के परिजनों को ढ़ंढ़ा नहीं जा सका. जिस कारण अस्पताल में कई तरह की परेशानी मरीज को हुई.

उसके बाद पांच दिन पूर्व शिफ्टिंग के बाद घायल ज्योत्स्ना को वेयर हाउस के बरामदे में छोड़ दिया गया. जहां उसका ठीक से देखभाल नहीं हुआ. जिसके कारण अंत में शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गयी. हालांकि मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ज्योत्स्ना को अस्पताल से ले जाने के लिये रेलवे पुलिस को पत्र भेजा गया था मगर इस पर रेलवे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी और ना ही किसी प्रकार की कोई पहल ही की गयी.

बकरी व कुत्ते खा जाते थे ज्योत्स्ना का खाना
अस्पताल के वेयर हाउस के बरामदे में पड़ी घायल ज्योत्स्ना विश्वास को देखने वाला कोई नहीं था. अस्पताल से ज्योत्स्ना को जो भोजन मिलता था. उसे कुत्ते या बकरी खा जाया करती थी. उसकी हालत ऐसी थी कि वह खुद से खाना खाने में असमर्थ थी. ज्योत्स्ना पांच दिनों से अपनी जिंदगी की जंग लड़ रही थी और अंतत: वो शनिवार काे हार गयी.
तीन नवंबर को ट्रेन से गिरकर ज्योत्स्ना हो गयी थी घायल
रेल पुलिस ने इलाज के लिये सदर अस्पताल में कराया था भरती
सिर में चोट लगने की वजह से बेहाेशी की हालत में थी
क्या है पूरा मामला
तीन नवंबर को ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन से गिरने के बाद ज्योत्स्ना विश्वास को बेहोशी की हालत में रेलवे पुलिस ने सदर अस्पताल में भरती करायी थी. कुछ कागजात से घायल के नाम की जानकारी तो मिल गयी मगर नहीं पहचान नहीं हो पायी. जिस कारण उसके परिजनों को मामले से अवगत नहीं कराया जा सका. बेहोश ज्योत्स्ना विश्वास का इलाज सदर अस्पताल में किया जाने लगा. मगर शिफ्टिंग के बाद उसे वेयर हाउस में रख दिया गया. जहां उसकी ठीक से देखभाल नहीं हो सकी.
कहते हैं रेल थाना प्रभारी
ज्योत्स्ना विश्वास को इलाज के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके परिजनों की तलाश की गयी लेकिन कोई पता नहीं चला. हालांकि यह मामला बरहरवा रेल थाना का है.
– शिव शंकर, जीआरपी थाना प्रभारी, साहिबगंज
कहते हैं डीएस
ज्योत्स्ना विश्वास को रेल पुलिस द्वारा घायल अवस्था में तीन नवंबर की सुबह पांच बजे इलाज के लिये भर्ती कराया गया था. ज्योत्स्ना को ले जाने के लिये रेल पुलिस को 11 नवंबर को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया लेकिन रेल पुलिस उसे ले नहीं गयी और उनकी मौत शनिवार की सुबह हो गयी.
– डॉ सुरेश प्रसाद, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल

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