आदिवासी मजदूरों का पलायन चुनावी जीत व हार पर डाल सकता है असर
मतदाता जागरूकता अभियान भी पलायन कर रहे मजदूरों को नहीं कर पा रहा जागरूक
पलायन का यही सिलसिला रहा तो मतदान प्रतिशत पर भी पड़ सकता है असर
प्रतिदिन 800-1000 मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में जा रहे प. बंगाल
पाकुड़ : लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासन जहां मतदान का प्रतिशत बढ़ाने, प्रत्याशी एक-एक मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने को लेकर प्रयासरत हैं. वहीं दूसरी ओर जिले से प्रतिदिन मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी है.
पाकुड़ रेलवे स्टेशन के अलावा महेशपुर प्रखंड से सटे मुरारोई रेलवे स्टेशन से 800 से 1000 मजदूर प्रतिदिन पश्चिम बंगाल पलायन कर रहे हैं. यदि लोकतंत्र के महापर्व चुनाव के वक्त मजदूरों का पलायन इसी तरह जारी रहा तो न केवल मतदान का प्रतिशत घट सकता है वरन प्रत्याशियों की जीत व हार पर भी इसका असर पड़ सकता है. सबसे ज्यादा पलायन कर रहे मजदूर आदिवासी समाज के हैं.