समाधि स्थल पर झंडोत्तोलन िकया पहान-पुजार तथा आदिवासी संगठन के सदस्य
कुड़ू : लरका आंदोलन के प्रणेता जननायक अमर शहीद वीर बुधु भगत समेत सभी सात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने को लेकर शनिवार को शहीद स्थल टिको पोखराटोली में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सधनु भगत ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही है. सरकार आदिवासी तथा देश के लिए कुर्बानी देनेवाले शहीदों को सम्मान नहीं दे रही है. वीर बुधू भगत समेत असंख्य शहीदों ने अपने प्राण न्योछावर किये लेकिन सरकार शहीदों के समाधि स्थल को उपेक्षित रखी है. सरकार आदिवासियों की जमीन छीन कर पूंजीपतियों को दे रही है. शहीदों को सम्मान देना गर्व की बात है. टिकोपोखराटोली की धरती वीर जाबांजो की पावन धरती रही है.सरकार ने इसे उपेक्षित रखा है.
राजी पड़हा भवन से निकली झांकी: कुड़ू के राजी पड़हा भवन से राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा,आदिवासी छात्र संघ समेत अन्य आदिवासी संगठनों के नेतृत्व में झांकी निकाली गयी जो पड़हा भवन से शुरू होकर बस स्टैंड पहुंची. यहां स्थापित वीर बुधु भगत की प्रतिमा के समक्ष पूजा-अर्चना तथा पुष्पपांजलि करने के बाद झांकी टिको नदी पहुंची़ यहां से कलश में जल लेकर समाधि स्थल पहुंच पुष्पपांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया. आदिवासी संगठनों तथा पहान-पुजारो ने झंडोत्तोलन कर श्रद्धांजलि कार्यक्रम शुरू किया. सैकड़ों लोगों ने लरका आंदोलन के शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया.
शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया : श्रद्धांजलि समारोह में चान्हो प्रखंड के सिलागाई से पहुंचे अमर शहीद वीर बुधु भगत के परिजन शिवपूजन भगत, रामधनी भगत, लक्ष्मी नारायण भगत, बंसत भगत तथा हलधर-गिरधर पब्लिक स्कूल निर्माण के लिए भूमिदाता विनोद उरांव, संजय उरांव तथा तरेसा तिर्की को आयोजन समिति ने सम्मानित किया. मौके पर शहीद के परिजनों ने कहा कि वीर बुधु भगत समेत हलधर-गिरधर भगत, रूनिया, झुनिया समेत सभी शहीदों के समाधि स्थल को सरकार पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करे. समाधि स्थल उपेक्षित पड़ा है.
श्रद्धांजलि समारोह में पहुंचे अतिथि तथा जनप्रतिनिधि : टिकोपोखराटोली में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में बीडीओ राजश्री ललिता बाखला, जितू मुंडा, गोरा पहान, बुधना पहान, मंगरा उरांव, मंगा उरांव, मतल उरांव, बुधू भगत, जलेश्वर उरांव, सोमे उरांव, हर्षनाथ भगत, संजय उरांव, बिनोद भगत, शिवपूजन उरांव, शिवशंकर उरांव, अवधेश उरांव, जतरू उरांव, रायमुनी उरांव, सुनील उरांव, दुबराज उरांव, रजनी उरांव, अनिल उरांव, महाबीर उरांव, मंगरा टाना भगत, आशा उरांव, शीला उरांव, किशोर उरांव समेत कार्तिक उरांव लुरकुरिया विद्यालय के बच्चे, शिक्षक – शिक्षिकाएं समेत अन्य शामिल थे.