लातेहार\चंदवा\बरवाडीह : शुक्रवार को नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महान पर्व छठ का शुभारंभ हो गया. इस मौके पर छठ व्रतियों ने विभिन्न नदी एवं जलाशयों में स्नान कर कद्दू-भात का प्रसाद बना कर ग्रहण किया. शनिवार को खरना होगा. छठ पूजा को लेकर न सिर्फ शहरी वरन ग्रामीण क्षेत्रों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. शहर के गली चौक चौराहों के दुकान एवं प्रतिष्ठानों में छठ मैया के गीत बज रहे हैं. विभिन्न छठ पूजा समितियों के द्वारा तैयारियां प्रांरभ कर दी गयी है. खरना को लेकर शहर के कई प्रतिष्ठानों ने लागत मूल्य पर दूध छठ व्रतियों को उपलब्ध करा रही है.
एक प्रतिष्ठान के संचालक ने बताया कि उनके दुकान से अब तक 1200 किलोग्राम की दूध की बुकिंग हो चुकी है. सूर्यनारायण पूजा समिति, चाणक्य नगरी के द्वारा छठ व्रतियों को सुविधा देने के लिए तैयारियां एक सप्ताह पहले से ही प्रारंभ कर दी गयी है. तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी तक प्रकाश व ध्वनि की व्यवस्था की गयी है. इसी प्रकार पंपूकल गिजनियाटांड़ स्थित छठ घाट में भी छठ व्रतियों के लिए कई सुविधा बहाल की गयी है. समिति के द्वारा छठ व्रतियों के लिए प्रकाश व ध्वनि की व्यवस्था व सफाई का काम पूरा कर लिया गया है.
चंदवा में भी नहाय-खाय के साथ ही आस्था का महापर्व शुरू हो गया. व्रतियों ने पूजन के बाद कद्दू, चना दाल, अरवा चावल का सेवन किया. महापर्व छठ को लेकर मेन रोड स्थित यूनियन बैंक के समीप समिति द्वारा स्टॉल लगा कर शनिवार से लागत मूल्य पर फल की बिक्री शुरू की जायेगी.
थाना टोली स्थित मनीष किराना स्टोर में खरना के लिए नि:शुल्क दूध का वितरण किया जायेगा. विवेक किराना स्टोर में भी लागत मूल्य पर गेहूं, दूध, सूप, दउरा समेत अन्य पूजन सामग्री की बिक्री की जा रही है. आज सुबह लागत मूल्य पर दूध की बिक्री की जायेगी. देवनद तट पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जायेगी. रविवार छह नवंबर को आचार्य पं. बालकृष्ण मिश्र भगवान सूर्य की विधि सम्मत पूजा-अचर्ना करेंगे.
अजय वैद्य बतौर यजमान पूजन करेंगे. सात अश्वरथ पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा काफी आकर्षक बनायी गयी है. इस वर्ष गंगा आरती विशेष आकर्षण होगा. इसके लिये बनारस से पुरोहितों की टीम आ चुकी है. सात नवंबर की दोपहर बाद भगवान सूर्य की प्रतिमा विसर्जित की जायेगी. इसके बाद महाप्रसाद का वितरण होगा. पूजा सहायतार्थ लक्की कूपन ड्रॉ किया जायेगा.
बरवाडीह में महापर्व के पहले दिन छठ पर्व करने वाले पूरे आस्था व उत्साह के साथ अपने नजदीक के नदी कुआं में स्नान कर पूरे भक्ति भाव से अपने पूरे परिवार के लिए अरवा चावल, कद्दू की सब्जी समेत अन्य समान बनाकर नहाय खाय संपन्न किया.