लातेहार : बगैर स्थल निरीक्षण किये बंद कमरे में टेबुल पर योजनाओं को तैयार करने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. इस आलोक में सरकारी राशि का दुरुपयोग भी हो रहा है. लातेहार के जिला बनने के बाद विभिन्न जल स्रोतों को तेजी से भर कर सरकारी इमारतों का निर्माण हुआ.
तो अब खेल मैदानों एवं संकरे रास्तों पर तोरणद्वार बना कर राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. मुख्यालय में कई भवनों को तालाब को भर कर बनाया गया है और कई बनाये जा रहे हैं. कुछ बानगी इस प्रकार है-
बहुउद्देश्यीय भवन : धर्मपुर मुहल्ले में गुहड़ी तालाब को भर कर जब वहां विशाल बहुउद्देश्यीय भवन बनाया जा रहा था, तब लोगों ने इसका विरोध किया था. प्रशासनिक पदाधिकारियों ने कहा था कि इसे इक्वेरियम टाइप का बनाया जायेगा. रंग-बिरंगी मछलियों के बीच यह भवन आकर्षक दिखेगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. वर्षो बीत गये. रह गया सिर्फ भवन.
सिविल सजर्न आवास : भितियाही आहर को भर कर सिविल सजर्न का आवास बनाया जा रहा है.
नर्सिग प्रशिक्षण भवन : थेथर अहरा को भर कर नर्सिग प्रशिक्षण भवन का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण कार्य वर्षो से जारी है.
बाल्मीकि आवास : पहाड़पुरी में विस्थापित अनुसूचित जातियों के लिए जीवित नाला भर कर बाल्मीकि आवास बना कर प्रशासन द्वारा मुहैया कराया गया है.
खेल छात्रावास : हाइस्कूल के पीछे निर्मित खेल छात्रावास गोवराही तालाब को भर कर बनाया गया है. जिसके कारण वहां पर्यावरण असंतुलन की स्थिति हो गयी है.
स्टेडियम के बीच तोरणद्वार : वर्तमान में खेल स्टेडियम के बीचोबीच एक तोरणद्वार का निर्माण करा दिया गया है. कई मुहल्लों की तंग गलियों में तोरणद्वार बनाया जा रहा है. जिससे रास्ते और संकरे हो गये हैं.
आदेश मिला था : खेल स्टेडियम के बीच मैदान में तोरणद्वार का निर्माण करानेवाले ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कनीय अभियंता ब्रजेश राय का कहना है कि उन्हें उक्त काम कराने का आदेश उच्चाधिकारियों ने दिया था.