10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लातेहार : हेसलबार में केले की खेती से मिली नयी राह, रुका पलायन, गांव के लोग नहीं जा रहे हैं महाराष्ट्र और गोवा

सुनील कुमार झा लातेहार : लातेहार का हेसलबार गांव सामूहिक स्वावलंबन की नयी परिभाषा गढ़ रहा है. बदलाव की ऐसी कवायद रच रहा है, अगर यह सफल हुआ, तो पूरे देश और राज्य के ग्रामीणों को दिशा दिखाने का काम करेगा. 50 आदिवासियों के घर वाला हेसलबार जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर है, पर […]

सुनील कुमार झा
लातेहार : लातेहार का हेसलबार गांव सामूहिक स्वावलंबन की नयी परिभाषा गढ़ रहा है. बदलाव की ऐसी कवायद रच रहा है, अगर यह सफल हुआ, तो पूरे देश और राज्य के ग्रामीणों को दिशा दिखाने का काम करेगा.
50 आदिवासियों के घर वाला हेसलबार जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर है, पर यहां तीन एकड़ में केले की फसल लहलहा रही है़ पहले गांव के लोग रोजी-रोटी के फेर में महाराष्ट्र-गोवा जाकर बालू उठाने का काम करते थे़ अब सरकार ने राह दिखायी, तो लोग विकास की राह पर चल पड़े हैं. फिलहाल ग्रामीण परती जमीन पर केले की खेती कर रहे हैं. तीन साल पहले तक यहां पहुंचना आसान नहीं था.
आज से आठ माह पहले ही उपायुक्त पहली बार गांव पहुंचे थे. अब भी जिला मुख्यालय से जाने के क्रम में लगभग पांच किमी सड़क की दोनों ओर दूर-दूर तक पूरा इलाका सुनसान दिखता है़ रास्ते में दो नदियां हैं. वहीं आधी दूरी के बाद सड़क भी ठीक नहीं है़
टिशू कल्चर केला लगाया है, हो रही है आमदनी
ग्रामीणों ने सामूहिक खेती की है, तो आमदनी पर भी पूरे गांववालों की बराबर की हिस्सेदारी होगी़ गांव के 65 वर्षीय देवचरण सिंह खरवार कहते हैं कि कोलकता से जी नाइन टिशू कल्चर केला लाया गया है़ फसल के लिए पैसा पूरे गांववालों ने दिया. अब आमदनी पर भी सबकी बराबर की हिस्सेदारी होगी.
लोगों को मिला रोजगार का अवसर
सरकार ने पलायन रोकने के लिए गांववालों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी दिया है़ गांव में अभी ट्रेंच बनाने का काम शुरू किया गया है़ जल शक्ति अभियान की जल संचयन योजना के तहत ट्रेंच बनाने का काम शुरू किया गया है़ इसके अलावा मनरेगा के तहत भी लोगों को काम दिया जायेगा.
गांव वालों से बात गांव में हुआ है नया सवेरा
गांव के निवासी 65 वर्षीय देवचरण सिंह खरवार कहते हैं कि इस गांव में नया विहान है. केले की खेती से नयी उम्मीद जगी है. यह शुरुआत है. देखिये आगे क्या होता है. देवचरण कहते हैं कि उनके चार बेटे हैं और सभी काम की तलाश में सितंबर-अक्तूबर में महाराष्ट्र-गोवा चले जाते थे. वहां नदी से बालू निकालने का काम करते थे. इस वर्ष उनके चारों बेटे गांव में हैं और कोई बाहर नहीं गया.
सरकार ने दिखायी राह
रविंद्र सिंह खरवार कहते हैं कि बालू निकालने के लिए प्रति वर्ष महाराष्ट्र जाते थे, वहां भी मजदूरी करते थे़ पांच-दस हजार कमाने के लिए अपनों से दूर रहते थे़ सरकार ने इस वर्ष राह दिखायी है़ गांव में रोजगार भी मिला है. तीन एकड़ में केले की फसल लगायी गयी है़ उम्मीद है महाराष्ट्र जाकर जितना कमाते थे, उससे अधिक की कमाई होगी.
इलाज के लिए सखी मंडल से लिया 500 का लोन
उर्मिला देवी कहती हैं कि गांव में हाल के वर्षों में तेजी से काम हुआ है. पहले बाहर से लोगों के लिए यहां आना भी कठिन था. पहले सड़क नहीं थी, अब सड़क बनी है़ जहां नहीं है, तो उसे बनाने के लिए काम चल रहा है़ गांव स्तर पर सखी मंडल का गठन किया है, जिससे महिलाओं में काफी स्वावलंबन आया है. वह जब चाहे आर्थिक मदद ले सकती है़ं उर्मिला कहती हैं कि वह एक बार बीमार पड़ी तो सखी मंडल से 500 रुपये लोन लिये और अपना इलाज कराया.
पपीता व गेंदा फूल की भी खेती की तैयारी
गांव में पपीता और गेंदा फूल की भी खेती शुरू करने की तैयारी है़ बीडीओ ने बताया कि पूरी योजना तैयार कर ली गयी है़ इस वर्ष से ही पपीता और गेंदा फूल की खेती शुरू कर दी जायेगी. इसके लिए भी जमीन चिह्नित कर ली गयी है. रोजगार की तलाश में गांव के लगभग सभी घरों के कमाऊ पुरुष सदस्य सितंबर में घर छोड़कर महाराष्ट्र-गोवा चले जाते थे और जून में खेती करने लौटते थे़ धान की खेती होने के बाद फिर सितंबर-अक्तूबर तक चले जाते़ लेकिन इस वर्ष नजारा बदला हुआ है.
तीन एकड़ में कर रहे हैं केला की खेती
गांव के लोगों के पास लगभग तीन एकड़ परती जमीन थी. लातेहार के पूर्व उपायुक्त राजीव कुमार और बीडीओ गणेश रजक के प्रयास से गांव में नया सवेरा हुआ़ ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से खेती करने का निर्णय लिया़ लोगों ने मिलकर पहले खेत तैयार किया़ सामूहिक प्रयास से तीन एकड़ में केले की फसल लगायी. जिस पर लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च आया़ ग्रामीणों का कहना है कि फसल तैयार होने तक 50 हजार रुपये और खर्च होंगे. पूरी फसल तैयार होने में लगभग दो लाख रुपये का खर्च आयेगा़ केले की खेती के लिए 2600 पेड़ लगाये गये हैं. इसमें से अगर 2000 पेड़ों का फल किसान बेचते हैं, तो एक वर्ष में छह से सात लाख की आमदनी होगी़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें