17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोडरमा में नयी पहल : श्रमिक सम्मान किचन में प्रवासी मजदूरों को खाना के साथ मिलेगा काम, जानिए कैसे

झारखंड में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को खाना के साथ काम मिले, इसके लिए जिला उपायुक्त ने एक नयी पहल की है. उपायुक्त ने 'श्रमिक सम्मान किचन' की शुरुआत की. इसके तहत दिल्ली से लौटे होटल में काम का अनुभववाले 6 लोगों को कोरेंटिन सेंटर्स में रखे 300 लोगों के लिए सुबह और शाम दो वक्त का खाना बनाने का काम दिया है.

कोडरमा : झारखंड में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को खाना के साथ काम मिले, इसके लिए जिला उपायुक्त ने एक नयी पहल की है. उपायुक्त ने ‘श्रमिक सम्मान किचन’ की शुरुआत की. इसके तहत दिल्ली से लौटे होटल में काम का अनुभववाले 6 लोगों को कोरेंटिन सेंटर्स में रखे 300 लोगों के लिए सुबह और शाम दो वक्त का खाना बनाने का काम दिया है. अन्य सेंटर्स में भी ऐसी व्यवस्था कर लौटे मजदूरों को जल्द इससे जोड़ने की योजना है, ताकि प्रवासियों को काम भी मिले और भोजन भी.

Also Read: अच्छी खबर : पलामू में कोरोना के 7 मरीज हुए स्वस्थ, शुक्रवार को अस्पताल से मिलेगी छुट्टी

कोडरमा समेत अन्य जिलों से काफी संख्या में लोग काम के लिए पलायन करते हैं. लॉकडाउन के कारण अब घर वापसी कर रहे हैं. राज्य के बाहर से आये प्रवासियों को जिला प्रशासन कोरेंटिन सेंटर्स में रख रहे हैं. कोरेंटिन सेंटर्स में प्रवासी मजदूरों को खाने की परेशानी न हो, इसके लिए उपायुक्त रमेश घोलप ने एक नयी पहल की है.

उपायुक्त ने दूसरे राज्यों से लौटे होटल में काम करने का अनुभव रखने वाले 6 लोगों को चिह्नित कर श्रमिक सम्मान किचन की शुरुआत की. पहले चरण में ये 6 मजदूर कोरेंटिन सेंटर्स में रह रहे 300 लोगों के लिए सुबह- शाम दोनों वक्त का खाना बनाना शुरू किया. बड़े होटलों में काम किये कुशल कुक द्वारा खाना बनाये जाने के कारण उसकी गुणवत्ता भी अच्छी है. यह खाना प्रशासन के वाहनों द्वारा कोरोंटिन सेंटर्स तक पहुंचाने की व्यवस्था की है.

Also Read: मंत्री का पीए बनकर ठग ने मांगे पैसे, कहा- ट्रैक्टर चाहिए तो 30 हजार अकाउंट में डालो

घर वापस आये इन प्रवासी मजदूरों के काम मिलने से जहां एक तरफ उनके चेहरे पर मुस्कान थी, तो दूसरी तरफ प्रशासन के सभी पदाधिकारी भी इस पहल से काफी खुश दिख रहे हैं. बता दें कि ये सभी 6 लोग दिल्ली के होटलों में काम करते थे. सभी ने वापस लौटने पर कोरोंटिन अवधि को पूरा किया है. इस दौरान उपायुक्त रमेश घोलप ने इन मजदूरों की हौसला अफजाई भी किया.

उपायुक्त श्री घोलप ने कहा कि हमें पता है कि लॉकडाउन के कारण मजदूरों ने काफी कष्ट झेले हैं. राज्य सरकार की कोशिश है कि इन मजदूरों के चेहरे हमेशा खुशी दिखे. श्रमिक सम्मान किचन में शामिल इन मजदूरों के कार्यों को देख आशा जतायी कि आपके द्वारा तैयार भोजन की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ- साथ स्वादिष्ट भी होगी. उन्होंने कहा कि यह शुरुआत है. अगले कुछ दिनों में और कुशल श्रमिकों को चिह्नित कर जिले के अन्य कोरोंटिन सेंटरों में मजदूरों को रोजगार देकर ही खाना देने का प्रयास जिला प्रशासन की ओर किया जायेगा.

Also Read: प्रभात खबर का ‘शुक्रिया’ प्रतियोगिता, कोरोना वॉरियर्स को ऐसे बोलें थैंक्‍स

आपको बता दें कि राज्य सरकार के दिशा- निर्देशानुसार कोडरमा जिला प्रशासन ऐसे सभी मजदूरों को उनकी स्किल के अनुसार काम देने की तैयारी में जुटा है. गांव में बाहर से लौटे हर एक कुशल या अकुशल प्रवासी मजदूरो का डाटा तैयार किया जा रहा है. बाहर से लौटे प्रवासी मजदूरों के स्क्रिनींग के लिए जेजे कॉलेज स्थित सेंटर में मनरेगा में कार्य करने के लिए इच्छुक मजदूरों के डाटा संकलन संबंधी एक डेस्क भी अलग से स्थापित किया गया है.

अकुशल मजदूरों को गांव में ही काम उपलब्ध कराने की दिशा में उपायुक्त द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को मनरेगा के अंतर्गत पर्याप्त संख्या में हर एक गांव में योजनाओं का चयन कर उसकी शुुरुआत करने का निर्देश दिये हैं, ताकि कोरेंटिन अवधि खत्म होने के बाद उन मजदूरों को गांव में काम मिल सके. इसी अवधि में काम करने के लिए इच्छुक सभी के जॉब कार्ड बनाने का भी निर्देश दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें