कोडरमा. होलिका दहन 14 मार्च को है. इस दौरान होलिका दहन होता है. हालांकि पेड़-पौधों की कटाई पर रोक की वजह से लोगों को सूखी लकड़ी की व्यवस्था करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कोडरमा और इसके आसपास इलाके में होलिका दहन का आयोजन करनेवाले लोगों के लिए अब राहत भरी खबर है़ श्री कोडरमा गोशाला समिति द्वारा गोशाला परिसर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गोबर से लकड़ी (गोकाष्ठ) तैयार की जा रही है. समिति के सह सचिव अरुण मोदी ने बताया कि गोबर की लकड़ी बनाने के लिए 80 प्रतिशत गोबर और 20 प्रतिशत लकड़ी का बुरादा या कोयला के बुरादा का प्रयोग किया जाता है. गोबर और लकड़ी के बुरादे का मिक्सचर बनाने के बाद मशीन के जरिए उसे लकड़ी का रूप दिया जाता है. प्रत्येक लकड़ी करीब आधे फीट गोल और चार फीट लंबी होती है. मशीन द्वारा तैयार होने के बाद इसे छह दिन तक धूप में सुखाया जाता है. समिति द्वारा 10 रुपये किलो के हिसाब से गोबर की लकड़ी उपलब्ध करायी जा रही है.
ऑर्डर के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क
उन्होंने बताया कि इसका उपयोग पूजन हवन के कार्यों, तंदूर बनाने, भोजन बनाने समेत अंतिम संस्कार जैसे कार्यों में भी किया जा सकता है. फिलहाल जिले के कुछ होटल में भोजन बनाने में इसका उपयोग किया जा रहा है. वहीं समिति द्वारा कुछ लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में भी गोबर से बनी लकड़ी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. गोबर से बनी लकड़ी प्राप्त करने के लिए श्री कोडरमा गोशाला समिति के मोबाइल नंबर 9931503836 व 9931595000 पर संपर्क किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गोबर से बनी लकड़ी पेड़ की लकड़ी की तुलना में काफी हल्की होती है. इसे जलाना भी काफी आसान है और इसमें धुआं भी कम होता है. समिति के द्वारा 10 केजी का गोकाष्ठ बैग तैयार कर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. होलिका दहन में भी इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है